नयी दिल्ली, नौ दिसंबर बाजार नियामक सेबी ने शुक्रवार को विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाने के संदर्भ में वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) के लिए एक नियामकीय प्रारूप जारी किया।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने एक परिपत्र में नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है। इसके तहत एआईएफ भारतीय, विदेशी या अनिवासी भारतीयों से यूनिट जारी कर कोष जुटा सकते हैं।
सेबी ने कहा कि एआईएफ के प्रबंधक को निवेशकों को स्वीकृति देते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि वह विदेशी निवेशक उस देश का निवासी है जिसने प्रतिभूति बाजार नियामक ने सेबी के साथ द्विपक्षीय समझौता या अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (आईओएससीओ) के साथ बहुपक्षीय समझौता किया हुआ हो।
इसके साथ ही सेबी ने कहा, ‘‘एआईएफ इस शर्त को पूरा न करने वाले निवेशक के सरकार या सरकार से संबद्ध होने पर उससे प्रतिबद्धता ले सकता है। भारत सरकार इसकी पुष्टि कर सकती है कि वह निवेशक देश का निवासी है।’’
सेबी के मुताबिक, निवेश कोष में 25 प्रतिशत या अधिक का अंशदान करने वाले निवेशक को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में शामिल नहीं होना चाहिए। इसके अलावा उसे वित्तीय कार्यवाही कार्यबल (एफएटीएफ) की निषेध सूची में शामिल देश का निवासी भी नहीं होना चाहिए।
इसके साथ ही बाजार नियामक ने कहा है कि अगर एआईएफ में निवेशक के तौर पर जुड़ा शख्स अगर निर्धारित शर्तों का पालन नहीं करता है तो कोष प्रबंधक उस निवेशक से तब तक कोई अंशदान नहीं स्वीकार करेगा, जब तक कि वह अनुपालन सुनिश्चित न करे।
नए प्रावधान वैकल्पिक निवेश कोषों की पहले से जारी योजनाओं से जुड़े निवेशकों पर भी लागू होंगे।
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