छत्रपति संभाजीनगर, दो जनवरी सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने बृहस्पतिवार को मांग की कि सरपंच संतोष देशमुख की हत्या और एक स्थानीय बिजली संयंत्र से निकलने वाली राख (फ्लाई ऐश) की कथित चोरी के संबंध में बीड के पूर्व पुलिस अधीक्षक को जांच का सामना करना चाहिए। पुलिस अधीक्षक का पिछले महीने तबादला कर दिया गया था।
दमानिया ने बीड जिले के परली में महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) की ताप विद्युत परियोजना का दौरा किया। उन्होंने दावा किया कि यह समझ से परे है कि पुलिस को यह पता नहीं था कि महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे का सहयोगी वाल्मिक कराड कहां था, जिसने जबरन वसूली के एक संबंधित मामले में इस सप्ताह के शुरू में आत्मसमर्पण किया था।
जब मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख के अपहरण और उन्हें प्रताड़ित करके हत्या किये जाने की घटना हुई थी तब अविनाश बरगल बीड के पुलिस अधीक्षक थे। इस हत्याकांड के विरोध में राज्यव्यापी आक्रोश उत्पन्न होने के बाद उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया था।
कराड का जिक्र करते हुए दमानिया ने कहा, ‘‘यह संभव नहीं है कि कोई व्यक्ति महाराष्ट्र में हो और पुलिस उसे न खोज पाए।’’
उन्होंने कहा कि कराड ने आत्मसमर्पण से दो दिन पहले सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वह आत्मसमर्पण करने जा रहा है, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पायी।
दमानिया ने यह भी दावा किया कि स्थानीय नेता कराड के साथ रहे पुलिस अंगरक्षक उनके खिलाफ जबरन वसूली का मामला दर्ज होने के बाद भी उनके साथ थे।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस मामले में उचित न्याय होगा। अन्यथा (मुख्यमंत्री देवेंद्र) फडणवीस ने तंत्र को सक्रिय कर दिया होता और आरोपी को दो-तीन दिनों में गिरफ्तार कर लिया गया होता। हालांकि एक मामला दर्ज किया गया, लेकिन अंगरक्षक 15 दिसंबर तक वाल्मिक कराड के साथ थे। वे कराड के साथ कैसे रहे?’’
दमानिया ने कहा कि इसलिए, पिछले एसपी (बरगल) को जांच का सामना करना चाहिए और उन्हें आरोपी बनाया जाना चाहिए।
महाजेनको संयंत्र के अपने दौरे के बारे में, दमानिया ने कहा कि वह जानना चाहती थीं कि वहां निकलने होने वाली ‘फ्लाई ऐश’ का क्या होता है। उन्होंने दावा किया कि जबकि अधिकांश ‘फ्लाई ऐश’ सीमेंट कंपनियों द्वारा खरीदी जाती है, शेष राख स्थानीय माफिया द्वारा कंपनी के अधिकारियों को धमकाकर ले ली जाती है।
दमानिया ने आरोप लगाया, ‘‘पिछले एसपी को भी सतर्कता जांच का सामना करना चाहिए, जिनका तबादला कर दिया गया था। क्योंकि महाजेनको ने उन्हें कई पत्र लिखे, लेकिन उन्होंने एक भी पुलिसकर्मी को मौके पर नहीं भेजा।’’
बरगल की तत्काल टिप्पणी नहीं मिल पायी।
देशमुख की कथित तौर पर हत्या कुछ लोगों द्वारा एक पवनचक्की कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास का विरोध करने को लेकर की गई थी। कराड ने उसी जबरन वसूली मामले में मंगलवार को पुणे में अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि विपक्ष ने हत्या के मामले में भी उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
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