James Anderson On Sachin Tendulkar: गेंदबाजी करने के लिए सचिन तेंदुलकर हैं ‘सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज’? जानें इंग्लैंड के घातक गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने क्या कहा
एंडरसन ने कहा, ‘‘वह भारत के अहम खिलाड़ी थे. अगर आप भारत में उन्हें आउट कर देते तो मैदान का पूरा माहौल बदल जाता. उनका विकेट इतना बड़ा हुआ करता था.’’ तेंदुलकर ने 24 साल तक भारत का प्रतिनिधित्व किया और एंडरसन ने भी टेस्ट क्रिकेट में खेलते हुए 21 साल गुजार दिये हैं जिससे उन्होंने तेज गेंदबाजों के लिए मिसाल कायम की है.
लंदन: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से कुछ दिन में संन्यास लेने वाले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन का कहना है कि उन्होंने अपने लंबे करियर के दौरान भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के खिलाफ गेंदबाजी का सबसे ज्यादा लुत्फ उठाया है. वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉर्ड्स में इंग्लैंड के लिए अपना 188वां टेस्ट खेल रहे एंडरसन इस मैच के बाद संन्यास ले लेंगे. Ben Stokes: पिछली 5 पारियों में 5 का आंकड़ा भी नहीं छू सके बेन स्टोक्स, जो रूट ने की इयान बेल की बराबरी
एंडरसन ने भले ही तेंदुलकर को नौ मौकों पर आउट किया हो लेकिन वह भारतीय मास्टर ब्लास्टर के खिलाफ कोई तय योजना नहीं बना सके थे. जब एंडरसन से पूछा गया कि गेंदबाजी के लिए सबसे मुश्किल बल्लेबाज कौन रहा तो उन्होंने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘मुझे कहना ही होगा कि सचिन तेंदुलकर सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे याद नहीं है कि सचिन तेंदुलकर के खिलाफ मेरे पास कोई विशेष योजना होती थी. एक बार जब वह मैदान पर आते तो मैं बस यही सोचता था कि मैं यहां उन्हें खराब गेंद नहीं फेंक सकता। वह इस तरह के खिलाड़ी थे.’’
एंडरसन ने कहा, ‘‘वह भारत के अहम खिलाड़ी थे. अगर आप भारत में उन्हें आउट कर देते तो मैदान का पूरा माहौल बदल जाता. उनका विकेट इतना बड़ा हुआ करता था.’’ तेंदुलकर ने 24 साल तक भारत का प्रतिनिधित्व किया और एंडरसन ने भी टेस्ट क्रिकेट में खेलते हुए 21 साल गुजार दिये हैं जिससे उन्होंने तेज गेंदबाजों के लिए मिसाल कायम की है.
वह 700 विकेट झटकने वाले पहले तेज गेंदबाज भी है और उन्होंने यह उपलब्धि भारत दौरे के दौरान हासिल की थी. एंडरसन ने हालांकि कहा कि उन्होंने और तेंदुलकर ने एक दूसरे के खिलाफ सफलता का आनंद लिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘आप बस हर वक्त अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंद फेंकने की कोशिश करते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह स्ट्रेट गेंद पर चूक जायें. इंग्लैंड में वह एक दो बार गेंद पर बल्ला छुआ देते थे लेकिन आम तौर पर मैं उन्हें जल्दी पगबाधा आउट करने की कोशिश करता.’’
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