मास्को, 11 सितंबर पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के भारत और चीन के फैसले का रूस ने शुक्रवार को स्वागत किया और उसके विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव ने कहा कि वह इस बात से बहुत खुश हैं कि रूस अपने भारतीय और चीनी समकक्षों को उचित समय पर बैठक के लिए मंच उपलब्ध करा सका।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर बृहस्पतिवार को मुलाकात के दौरान भारत और चीन ने सीमा विवाद के समाधान के लिए पांच सूत्री योजना पर सहमति जताई जिसमें सैनिकों की सीमा क्षेत्र से तत्काल वापसी शामिल है।
द्विपक्षीय वार्ता के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग के साथ यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे लावरोव ने कहा कि तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की रूस, भारत और चीन (आरआईसी) प्रारूप के तहत बृहस्पतिवार को बहुत सकारात्मक बैठकें हुईं।
लावरोव से जब एक संवाददाता ने भारत-चीन की सीमाओं पर तनाव कम करने के दोनों देशों के रोडमैप के बारे में प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं कि मास्को ने रूस, चीन और भारत को इस बहुत सकारात्मक, फलदायक बैठक के लिए मंच प्रदान किया।’’
उन्होंने जयशंकर तथा वांग की द्विपक्षीय वर्ता पर कहा, ‘‘यह बैठक बहुत सकारात्मक और बिल्कुल सही समय पर हुई और इसके होने से मैं बहुत खुश हूं।’’
जयशंकर और वांग की मुलाकात से पहले नयी दिल्ली में रूस के एक वरिष्ठ राजनयिक ने विश्वास जताया था कि भारत और चीन बातचीत से सीमा विवाद का हल निकाल सकेंगे।
रूस के राजदूत के उप प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने कहा कि मास्को वार्ता के जरिये पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होते और सैनिकों की वापसी होते देखना चाहेगा।
उन्होंने नयी दिल्ली में मंगलवार को पत्रकारों के साथ ऑनलाइन बातचीत में कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारत और चीन वार्ता के जरिये सीमा विवादों का समाधान खोज निकालेंगे।’’
उनके बयान पूर्वी लद्दाख में तनाव फिर से बढ़ने के एक दिन बाद आये थे। क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच नये सिरे से टकराव के बाद तनाव बढ़ गया था।
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