संयुक्त राष्ट्र, 11 सितम्बर: भारत ने सुरक्षा परिषद (United Nations) के सदस्य देशों से परिषद द्वारा अपेक्षित स्तर पर अपने देश के बच्चों और स्कूलों की सुरक्षा के प्रति दायित्व को पूरा करने के लिए आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया है. भारत ने गुरुवार को सुरक्षा परिषद को लिखे एक बयान में कहा, "सदस्य देशों को आतंकवाद के अपराधियों और उनके सहयोगियों और प्रायोजकों को पकड़ने के लिए अधिक से अधिक राजनीतिक इच्छाशक्ति दर्शाने की आवश्यकता है, विशेष रूप से परिषद द्वारा अनुमोदित बाल संरक्षण दायित्वों को पूरा करने के लिए."
भारत ने कहा, "आतंकवादी संगठनों और परिषद द्वारा निषिद्ध व्यक्ति बाल अधिकारों के दुरुपयोग के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार हैं." हालांकि, भारत ने किसी भी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन यह टिप्पणी पाकिस्तान के संदर्भ में मालूम पड़ी, जहां जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और लश्कर-ए-झंगवी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा खुले तौर पर प्रतिबंधित हैं . भारत ने कहा, "परिषद के बाल संरक्षण एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए, आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है."
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भारत ने कहा कि जैसा कि आतंकवादी नेटवर्क सीमाओं पर अपने जाल फैलाते हैं, बच्चे ही इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं क्योंकि वे भय और अनिश्चितता के माहौल में रहते हैं और अक्सर शिक्षा के अपने अधिकार से वंचित होते हैं. वहीं, बच्चों और सशस्त्र संघर्ष मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गैम्बा ने कहा कि स्कूलों पर आतंकवादी हमलों को बच्चों, समुदायों और किसी भी सुरक्षा, भविष्य की आशा को लूटने, खत्म करने के मकसद को ध्यान में रखकर अंजाम दिया जाता है.