विदेश की खबरें | रूस और ईरान ने अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के प्रयास तेज किए: अमेरिका
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

संघीय एजेंसियों के अधिकारियों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान में हाल में पोस्ट किए गए रूस समर्थकों के एक लेख का जिक्र किया, जिसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव में ‘स्विंग राज्यों’ में अमेरिकी अधिकारी धोखाधड़ी करने की योजना बना रहे हैं। इस लेख के साथ एक वीडियो भी साझा किया गया है, जिसमें एरिजोना में चुनावी धोखाधड़ी का दावा करने वाले एक व्यक्ति के साक्षात्कार को गलत तरीके से दर्शाया गया था।

अमेरिका में ‘स्विंग’ राज्यों को छोड़कर अधिकतर राज्यों में मतदाता हर चुनाव में एक ही पार्टी को वोट देते रहे हैं। चुनावी रूप से अहम माने जाने वाले इन राज्यों में मतदाताओं का रुझान बदलता रहता है, इसलिए इन्हें ‘स्विंग राज्य’ कहा जाता है।

राष्ट्रीय खुफिया निदेशक कार्यालय, एफबीआई और अमेरिकी साइबर सुरक्षा एवं बुनियादी ढांचा सुरक्षा एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि रूस से जुड़े प्रभावशाली व्यक्ति चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने लिए वीडियो बना रहे हैं और फर्जी लेख लिख रहे हैं।

बयान के अनुसार, वे चुनाव प्रक्रिया के बारे में मतदाताओं में डर पैदा करने के साथ ही ये भी दिखाना चाह रहे हैं कि अमेरिकी अपनी-अपनी राजनीतिक पसंद के चलते एक दूसरे के खिलाफ हिंसा कर रहे हैं।

बयान में कहा गया है कि इन प्रयासों से हिंसा भड़कने का ख़तरा है, जिसकी जद में चुनाव अधिकारी भी आ सकते हैं।

हालांकि रूसी दूतावास ने ईमेल पर भेजे गए एक बयान में इन आरोपों को "निराधार" बताया और कहा कि रूस ने अमेरिका समेत दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया है और न ही हस्तक्षेप करता है।

बयान में चुनाव को प्रभावित करने के ईरान के प्रयासों का भी एक बार फिर जिक्र किया गया है, जिसमें ट्रंप की उम्मीदवारी को नुकसान पहुंचाने के लिए चलाया गया एक अभियान भी शामिल है। न्याय विभाग ने इस प्रयास के लिए सितंबर में तीन ईरानी हैकरों को जिम्मेदार ठहराया था।

माइक्रोसॉफ्ट के विश्लेषकों के अनुसार, ईरान के इशारों पर काम करने वालों ने मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयासों के तहत फर्जी समाचार वेबसाइट बनाई हैं।

माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले महीने कहा था कि 2020 के चुनाव में अमेरिकी मतदाताओं को डराने के उद्देश्य से कथित तौर पर ईमेल भेजने वाले ईरानी व्यक्ति चुनाव-संबंधी वेबसाइटों और प्रमुख मीडिया संस्थानों को निशाना बना रहे हैं।

हालांकि रूस और ईरान ने इन दावों को खारिज कर दिया है कि वे अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करना चाहते हैं।

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