मुंबई, 30 जून वैश्विक बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती आने के बीच अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सात पैसे की गिरावट के साथ 82.10 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में आई तेजी तथा शेयरों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का निवेश बढ़ने से रुपये की गिरावट पर कुछ अंकुश लगा।
एशियाई कारोबार में कच्चे तेल की कीमतों में मजबूती आने से अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.05 प्रति डॉलर पर कमजोरी के साथ खुला। कारोबार के दौरान इसमें 82.00 से 82.10 के एक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखा गया।
कारोबार के अंत में रुपया सात पैसे की गिरावट दर्शाते हुए 82.10 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी दिवस बुधवार को रुपया 82.03 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। ‘बकरीद’ के मौके पर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार बृहस्पतिवार को बंद रहा था।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.09 प्रतिशत बढ़कर 103.43 हो गया।
कारोबारियों को उम्मीद है कि अमेरिका के तमाम आर्थिक आंकड़ों के मजबूत रहने के बाद अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकता है। बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था अनुमान से कहीं अधिक दो प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.61 प्रतिशत की तेजी के साथ 74.79 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
बीएसई सेंसेक्स 803.14 अंक यानी 1.26 प्रतिशत उछलकर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 64,718.56 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुक्रवार को शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 6,397.13 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की।
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