पटना, 30 जून बिहार विधानसभा में केंद्र की सेना में भर्ती संबंधी नई योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनट के भीतर स्थगित कर दी गई।
बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी के बार-बार सहयोग का आग्रह करने के बावजूद विपक्षी विधायक शांत नहीं हुए और सशस्त्र बलों में भर्ती की नई योजना को वापस लेने तथा प्रदेश में हाल में किए गए विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने वालों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे।
‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के खिलाफ आपत्ति व्यक्त करने के लिए उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए।
हंगामा जारी रहने पर हजारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर के भोजन तक के लिए स्थगित कर दी।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और उसके वामपंथी सहयोगियों ने घोषणा की है कि इस योजना पर उनकी चर्चा की मांग के पूरी होने तक वे सदन को चलने नहीं देंगे।
सदन के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह मामला राज्य विधानसभा के दायरे से बाहर है।
कांग्रेस जो अब खुद को विपक्षी महागठबंधन का हिस्सा नहीं मानती है, उसके नेता अलग से विरोध-प्रदर्शन करते दिखे।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शकील अहमद खान सहित उसके कई विधायकों ने कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा परिसर में हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शन किया।
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