नयी दिल्ली, चार मार्च पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में आए दिन हो रही वृद्धि के मुद्दे पर सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने राज्यसभा में हंगामा किया, जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 11 मिनट के भीतर ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम, तृणमूल कांग्रेस के अबीर रंजन विश्वास और कांग्रेस सदस्य के सी वेणुगोपाल ने नियम 267 के तहत पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुई वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा कराने के नोटिस दिए थे।
हालांकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए कि वित्त और विनियोग विधेयक पर बहस के दौरान सदस्यों को इन मुद्दों पर अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर मिल चुका है।
कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय सेवा नियम, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होने संबंधी केंद्र की घोषणा का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था। सभापति नायडू ने हुड्डा के इस नोटिस को भी अस्वीकार कर दिया।
इसके बाद, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया।
हंगामा कर रहे सदस्यों से नायडू ने अनुरोध किया वह अपने स्थान पर चले जाएं और शून्यकाल के तहत सदस्यों को अपने मुद्दे उठाने दें। अपनी बात का असर होते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 11 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, असम, केरल और नगालैंड से निर्वाचित राज्यसभा सदस्यों को शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण वालों में असम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पवित्र मार्गरिटा, यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के रवंगवरा नारजारी, केरल से कांग्रेस की जेबी माथेर हीशम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए ए रहीम शामिल थे।
इनके अलावा नगालैंड से भाजपा की एस फान्गनॉन कोन्यक ने भी उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ग्रहण की।
ब्रजेन्द्र
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