कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा में बुधवार को शराब की कीमतों को लेकर हंगामा हुआ और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया. विपक्षी दलों ने ईंधन पर करों की अनदेखी करते हुए शराब पर शुल्क में कमी सहित कई मुद्दों को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किये थे. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया जिसके बाद बीजेपी विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया. राजस्थान: पेट्रोल व डीजल पर वैट घटाने, कोटा में हवाईअड्डे के लिए निशुल्क भूमि देने को मंजूरी
स्थगन प्रस्तावों में से एक को पढ़ते हुए, बीजेपी के आसनसोल दक्षिण क्षेत्र से विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि राज्य में शराब पर शुल्क कम कर दिया गया है, लेकिन सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी नहीं की है. सिलीगुड़ी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक शंकर घोष ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया. राज्य में बेरोजगारी की स्थिति को लेकर एक और प्रस्ताव पेश किया गया.
विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही स्थगन प्रस्तावों को स्वीकार करने से इनकार किया, बीजेपी विधायकों ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हंगामे के बीच वे सदन से बाहर चले गए.
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार शराब की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कमी करके राज्य के युवाओं को गलत रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य के कई परिवारों को बर्बाद कर देगा.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ईंधन पर वैट तुरंत कम करना चाहिए क्योंकि वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं. उन्होंने दावा किया कि राज्य में बेरोजगारी की स्थिति खतरनाक है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वर्ग से संबंधित लोगों को नौकरी नहीं दे रही है.
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