नयी दिल्ली, 14 दिसंबर संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद में नारेबाजी और भारी हंगामा किया, जिसके चलते उच्च सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले दो बार स्थगित हुई।
इस दौरान, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन को ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने ओब्रायन का नाम लिया और उनके निलंबन की कार्यवाही शुरु की।
सभापति द्वारा जब किसी सदस्य का नाम लिया जाता है तो इसका अर्थ सदस्य के निलंबन की कार्यवाही का आरंभ होना होता है। ऐसा तब होता है जब कोई सदस्य पीठ के प्राधिकार का अनादर कर रहे हों अथवा सभा के कार्य में लगातार और जानबूझकर बाधा डालते हुए सभा के नियमों का दुरुपयोग कर रहे हों।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे धवनि मत से पारित कर दिया गया।
इसके बाद धनखड़ ने घोषणा की, ‘‘डेरेक ओब्रायन इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाते हैं।’’
इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘डेरेक का निलंबन नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच ही सभापति ने प्रश्नकाल आरंभ करने की कोशिश की। हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। लिहाजा, सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 05 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने सभापति ने आवश्यक कामकाज निपटाए। इसके तुरंत बाद धनखड़ ने कहा कि संसद परिसर के संरक्षक लोकसभा अध्यक्ष ने 13 दिसंबर को सुरक्षा में हुई चूक की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच शुरू कर दी गई है और प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सुरक्षा का मुद्दा संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसका प्रभावी तरीके से समाधान किया जा रहा है।’’
सभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें 28 नोटिस प्राप्त हुए हैं लेकिन यह स्वीकार किए जाने लायक नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने शून्य काल आरंभ कराया।
इसी दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा कर रहे कुछ सदस्य आसन के निकट आ गए और नारेबाजी करने लगे।
विपक्षी सदस्य ‘गृह मंत्री सदन में आओ, सदन में आकर जवाब दो’ जैसे नारे लगा रहे थे।
विपक्षी सदस्यों के आचरण पर आपत्ति जताते हुए सभापति ने उनसे आसन के निकट नहीं आने का बार-बार आग्रह किया।
इसी समय ओब्रायन आसन के ठीक सामने आ गए और कुछ कहते हुए और हवा में बाहें लहराई।
इससे, धनखड़ नाराज हो गए और उन्होंने ओब्रायन का नाम लेते हुए कहा कि उन्हें सदन से बाहर चले जाने को कहा।
धनखड़ ने ओब्रायन के आचरण को आसन की 'अवज्ञा' और 'गंभीर कदाचार' करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर सदस्य अपनी सीट पर वापस नहीं जाते हैं तो मुझे कड़ी कार्रवाई करनी होगी... मैंने संकेत दिया है कि हम नियमों का उल्लंघन करके, प्रक्रिया का पालन नहीं करके या निर्देशों का पालन नहीं करके अपने आचरण का उदाहरण नहीं दे सकते हैं। यह गंभीर है।’’
विपक्षी सदस्यों द्वारा अपनी सीट पर वापस जाने से इनकार करने पर धनखड़ ने कहा, ‘‘यह गंभीर अवज्ञा है... जो सदस्य आसन के निकट आए हैं, उन्हें मैंने तुरंत अपना स्थान ग्रहण कर लेना चाहिए। मैं आगाह कर रहा हूं।’’
उन्होंने सदन के बीचोंबीच अपनी बात रखने की कोशिश कर रहे ओब्रायन के साथ बहस करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘डेरेक ओब्रायन कहते हैं कि वह अपनी सीट पर नहीं जाएंगे। डेरेक ओब्रायन का कहना है कि वह आसन की अवहेलना करेंगे। डेरेक ओब्रायन कहते हैं कि मैं नियमों का सम्मान नहीं करूंगा।’’
धनखड़ ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस नेता ‘ड्रामेबाजी’ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गंभीर अशोभनीय आचरण है।’’
विपक्ष के लगातार नारेबाजी करने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह शर्मनाक है।’’
धनखड़ ने आगे कहा कि यह आचरण दिखाता है कि ‘‘हम एक चिल्लाने वाली ब्रिगेड से ज्यादा नहीं हैं ... हम बहस, संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श में विश्वास नहीं करते हैं। हम केवल अशांति में विश्वास करते हैं।’’
ओब्रायन इसके बाद आसन के निकट चले गए।
धनखड़ ने कहा, ‘‘मैं डेरेक ओब्रायन का नाम लेता हूं। डेरेक ओब्रायन को तुरंत सदन छोड़ने के लिए नामित किया जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपने विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। ओब्रायन को तुरंत सदन से बाहर जाना होगा।’’
सभापति ने कार्यवाही स्थगित करने से पहले कहा, ‘‘मैं इसे बहुत गंभीरता से लेता हूं।’’
हंगामा नहीं थमता देख सभापति ने 11 बजकर 22 मिनट पर कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कार्यवाही स्थगित करने से पहले सभापति ने विपक्ष के नेता और सभी दलों के सदन के नेताओं को अपने कक्ष में चर्चा के लिए बुलाया।
संसद की सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना बुधवार को उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, नारेबाजी करने लगे और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।
ब्रजेन्द्र अविनाश
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