नयी दिल्ली, 30 मई भारत में छत पर लगने वाले सौर ऊर्जा संयंत्र (रूफटॉप सोलर) स्थापित करने की दर मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 26 प्रतिशत घटकर 367 मेगावाट रह गई है। मेरकॉम कैपिटल की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि छतों पर सौर संयंत्र लगाने की लागत बढ़ने की वजह से इसकी स्थापना की दर में गिरावट आई है।
शोध कंपनी की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल पहली तिमाही के दौरान इस खंड में 485 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की गई थी।
मेरकॉम की रिपोर्ट ‘पहली तिमाही में भारत में छत पर सौर संयंत्र का बाजार’ के अनुसार, मार्च तिमाही में भारत में 367 मेगावाट के सौर संयंत्र स्थापित किए गए। इसमें अक्टूबर-दिसंबर, 2023 तिमाही के 406 मेगावाट की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है और पिछले साल की समान तिमाही के 485 मेगावाट की तुलना में यह 24 प्रतिशत कम है।
भारत में छत पर लगने वाली सौर क्षमता की स्थापना संयुक्त रूप से मार्च, 2024 तक 10.8 गीगावाट थी।
इसमें कहा गया, “स्थापनाओं में गिरावट का कारण मुख्य रूप से ‘पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ कार्यक्रम के तहत अधिक आवेदन के कारण आवासीय ग्राहकों के सामने आवेदन प्रक्रिया में देरी था। घरेलू सामग्री जरूरतों (डीसीआर) का अनुपालन करने के लिए मॉड्यूल की कीमतों में वृद्धि ने ‘सूर्य गुजरात’ कार्यक्रम के तहत क्षमता वृद्धि में और कमी ला दी है।”
तिमाही आधार पर क्षमता वृद्धि में औद्योगिक क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा। यह कुल स्थापित क्षमता का लगभग 57 प्रतिशत था। वाणिज्यिक, आवासीय और सरकारी क्षेत्रों की हिस्सेदारी क्रमशः लगभग 28 प्रतिशत, 14 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत रही।
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