सिडनी, 7 जनवरी : भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने पिछले छह महीनों में टीम के खराब प्रदर्शन की गहन समीक्षा करने की वकालत करते हुए कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में भविष्य अब पूरी तरह से चयनकर्ताओं के हाथ में है. गावस्कर ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में रोहित और कोहली के भविष्य को लेकर चल रही बहस के संदर्भ में कहा, ‘‘वे कितने समय तक टीम में रहेंगे यह वास्तव में चयनकर्ताओं पर निर्भर है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब जबकि भारत डब्ल्यूटीसी (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप) फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा है तो उन कारणों पर विचार करना उचित होगा कि ऐसा क्यों हुआ.’’
डब्ल्यूटीसी की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जबकि भारत इसके फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहा. वह रविवार को समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया से 1-3 से हार के बाद फाइनल की दौड़ से बाहर हो गया. भारत को इस हार के कारण पिछले एक दशक में पहली बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से हाथ धोना पड़ा. उसकी पराजय का मुख्य कारण बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन रहा. रोहित और कोहली भारतीय बल्लेबाजी की कमजोर कड़ी साबित हुए. कोहली ने नौ पारियों में एक नाबाद शतक सहित 190 रन बनाए, जबकि रोहित ने पांच पारियों में केवल 31 रन बनाए. गावस्कर ने टीम के बल्लेबाजों की बार-बार विफलता की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि पिछले छह महीनों में हमारी बल्लेबाजी विफल रही और यही मुख्य कारण था कि हम उन मैच में भी हार गए जो हमें जीतने चाहिए थे.’’ यह भी पढ़ें : NZ vs SL 2nd ODI 2025 Dream11 Team Prediction: न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच दूसरा मुकाबला, यहां देखें पिच रिपोर्ट, हेड टू हेड और बेस्ट ड्रीम11 टीम
इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘इसलिए अगर इंग्लैंड में जून में शुरू होने वाले डब्ल्यूटीसी के नए चक्र के लिए टीम में बदलाव की जरूरत है तो उम्मीद है कि चयनकर्ता इस बात पर गौर करेंगे कि 2027 में फाइनल तक कौन खिलाड़ी टीम में रहेगा और उसके अनुसार चयन करेंगे.’’ गावस्कर ने किसी खिलाड़ी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि घरेलू क्रिकेट में कुछ खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और अब उन्हें उचित मौका देने की जिम्मेदारी चयनकर्ताओं पर है. उन्होंने कहा, ‘‘जब तक उन्हें मौका नहीं दिया जाएगा तो हमें कैसे पता चलेगा कि रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करेंगे?’’
गावस्कर ने नितीश कुमार रेड्डी जैसी प्रतिभा को सामने लाने के लिए चयन समिति की भी सराहना की. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के जिन तीन बल्लेबाजों ने शतक लगाए उनमें रेड्डी भी शामिल थे. शतक लगाने वाले अन्य बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और कोहली थे. उन्होंने कहा, ‘‘नितीश कुमार रेड्डी में क्षमता देखने और उसे टेस्ट टीम में चुनने के लिए अजीत अगरकर और उनकी टीम को बधाई.’’ गावस्कर ने गेंदबाजी के बारे में कहा कि भारत के पास पर्याप्त प्रतिभा है, जिसे अपेक्षित अवसर दिए जाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जसप्रीत बुमराह जैसे स्टार खिलाड़ी पर जरूरत से ज्यादा बोझ न पड़े. उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पास कई होनहार तेज गेंदबाज हैं जो मौके का इंतजार कर रहे हैं. बुमराह पर ज्यादा बोझ नहीं डाला जाना चाहिए और अगर अन्य गेंदबाज भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं तो हमारे पास एक ऐसा आक्रमण हो सकता है जो किसी भी परिस्थिति में मैच जीत सकता है.’’
भारतीय क्रिकेट में स्टार खिलाड़ियों को सिर पर बिठाए रखने की संस्कृति रही है जिसे समय-समय पर बड़ी समस्या माना जाता है लेकिन गावस्कर ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी के लिए अपने पांव जमीन पर बनाए रखना मुश्किल काम नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हर दिन दर्पण में अपना चेहरा देखते हैं और चूंकि हम अपने साथ ऐसा करते हैं, इसलिए हम वर्षों में आए बदलावों पर ध्यान नहीं देते हैं. केवल जब हम पहले के दिनों की तस्वीरें या वीडियो देखते हैं तब हमें बदलाव के बारे में पता चलता है.’’ गावस्कर ने कहा, ‘‘इसके बाद हम सबसे अच्छा दिखने के लिए जरूरी बदलाव करने पर ध्यान देते हैं लेकिन ऐसा करने के लिए पूरी तरह से ईमानदार होना जरूरी है.’