बेंगलुरु, 21 सितंबर कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण राज्य की अधिकतर नदियां उफान पर हैं जबकि सबसे बुरी तरह प्रभावित उडुपी जिले में स्थिति गंभीर बनी हुई है जहां सोमवार को बारिश में थोड़ी राहत के बावजूद बाढ़ के पानी में कोई कमी नहीं आई है।
कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के अनुसार, शुक्रवार से ही हो रही भारी बारिश के कारण लगभग सभी बांध पूरी तरह से भर गए हैं, जिसकी वजह से उनके जलद्वार खोल दिये गए हैं।
केएसएनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जलद्वार खुलने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। हमने कई इलाकों में अलर्ट जारी किया है, फिर भी कुछ गांवों को समस्या का सामना करना पड़ेगा।’’
जल संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार, कावेरी, हेमवती, कपिला और हरंगी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और बांधों से छोड़े जा रहे पानी से स्थिति और गंभीर होगी।
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हमने आज केआरएस (कावेरी नदी पर कृष्णाराजा सागर बांध) से 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है। हमने निचले इलाके में लोगों को सावधान किया है।”
इसी तरह, कर्नाटक के उत्तरी और अंदरूनी हिस्सों में भी नदियां कहर बरपा रही हैं। वहाँ के महत्वपूर्ण बांध भद्रा, तुंगभद्रा, घाटप्रभा, मालप्रभा, अलमात्ती और नारायणपुरा पूरी तरह भरे हुए हैं।
वहीं मंगलुरु से मिली खबर के मुताबिक चार दशकों में आई अभूतपूर्व बाढ़ के कारण उडुपी के निचले इलाकों में बाढ़ के हालत बने हुए हैं और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है।
जिले के कुछ स्थानों में बारिश के थमने की वजह से जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि उडुपी जिले में ऐसी भारी बारिश पिछले चार दशकों में नहीं देखी गई थी।
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