कोविड-19 मामलों में वृद्धि : गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने परिसर में लोगों के प्रवेश को सीमित किया

गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर अपने परिसर में लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है और वादियों के प्रवेश पर रोक लगा दी, जबकि जिनका व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना जरूरी है उनके लिये कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया.

गुजरात हाईकोर्ट (Photo Credits: Wikimedia Commons)

अहमदाबाद, 4 जनवरी : गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर अपने परिसर में लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है और वादियों के प्रवेश पर रोक लगा दी, जबकि जिनका व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना जरूरी है उनके लिये कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया. उच्च न्यायालय के महापंजीयक की ओर से सोमवार को जारी परिपत्र के अनुसार ये पाबंदियां बुधवार से प्रभावी होंगी. परिपत्र के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश ने बुधवार से अदालत परिसर में स्थित सभी कैंटीनों को बंद करने का भी आदेश दिया है.

उसमें कहा गया कि अदालत परिसर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के लिए जांच अनिवार्य कर दी गई है, जिसमें सामाजिक दूरी के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाना और चिकित्सा जांच दल के साथ सहयोग को अनिवार्य किया गया है. परिपत्र में कहा गया, “बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं के मामले में, न्यायिक पुलिस प्राधिकारियों द्वारा बंदी को न्यायिक जिला अदालत के समक्ष इस तरह पेश किया जाएगा ताकि पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायाधीश ऐसे व्यक्तियों के साथ डिजिटल तरीके से बातचीत कर सकें.” यह भी पढ़ें : Omicron Variant: देश भर में तेजी से बढ़ रहा है ओमिक्रॉन का खतरा, इस तरह करें खुद का बचाव

उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि बार पुस्तकालय, संदर्भ पुस्तकालय और सभी बार कक्ष हर दिन दोपहर एक बजे तक बंद हो जाएं, और अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि वे किसी भी अदालत परिसर में बड़ी संख्या में न बैठें. परिपत्र में कहा गया है कि समय-समय पर जारी सरकारी सलाह का पालन करने के अलावा, आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने और हाथ मिलाने से बचने जैसे अन्य एहतियाती उपाय भी किए जाने चाहिए. गुजरात में, सोमवार को सात महीनों में सबसे अधिक कोविड-19 के 1,259 नये मामले सामने आए थे.

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