कोलकाता, सात अक्टूबर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में न्याय एवं कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे आंदोलनरत कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा।
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने आंदोलनरत चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध किया है।
जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह करते हुए मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में जारी 90 प्रतिशत परियोजनाएं अगले महीने तक पूरी हो जाएंगी।
उन्होंने राज्य सचिवालय में कहा, ‘‘मैं सभी से काम पर लौटने और लोगों को सेवाएं देने का अनुरोध कर रहा हूं। उनमें से कुछ पहले ही ऐसा कर चुके हैं। हम सभी माहौल को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वे (कनिष्ठ चिकित्सक) इस बात की सराहना करेंगे कि सरकार द्वारा किए गए वादों पर बहुत अच्छी प्रगति हुई है।’’
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को शाम करीब साढ़े चार बजे मध्य कोलकाता के कॉलेज स्कवायर से धर्मतला तक एक रैली करने की भी घोषणा की।
एक कनिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘‘कल, हम राज्य भर के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में सांकेतिक भूख हड़ताल भी करेंगे। इसमें विभिन्न चिकित्सक संघों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। यह मंगलवार सुबह 9 बजे शुरू होगा और रात 9 बजे तक जारी रहेगा। हम कोलकाता में एक रैली भी करेंगे।’’
छह कनिष्ठ चिकित्सक शनिवार शाम से ही आमरण अनशन कर रहे हैं तथा बाद में एक और चिकित्सक उनके साथ शामिल हो गए।
‘ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स इन वेस्ट बंगाल’ के छह सदस्य कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए अनशन में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं।
एक कनिष्ठ चिकित्सक अनिकेत महतो ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘हमारा आमरण अनशन जारी है। हम अपनी सभी मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे। कोई भी बाहरी दबाव हमें अपनी मृतक बहन के लिए न्याय मांगने के वास्ते प्रदर्शन करने से नहीं डिगा सकता...अभी नहीं तो कभी नहीं।’’
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