मुंबई, पांच फरवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बाजार में नकदी की बेहतर स्थिति के मद्देनजर नकदी आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को चरणबद्ध तरीके से चार प्रतिशत पर वापस लाने का शुक्रवार को फैसला किया।
सीआरआर कुल जमा का वह प्रतिशत है, जो बैंकों को अनिवार्य रूप से रिजर्व बैंक के पास रखना होता है। सीआरआर बढ़ाने के कदम से बैंकिंग प्रणाली से लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपये की प्राथमिक तरलता कम हो जायेगी।
कोविड-19 के कारण आये व्यवधान के चलते बैंकों की मदद करने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने 28 मार्च 2020 से शुरू पखवाड़े में सीआरआर में एक प्रतिशत की कटौती की थी और इसे तीन प्रतिशत पर ला दिया था। रिजर्व बैंक ने यह प्रावधान एक साल यानी 26 मार्च 2021 तक के लिये किया था।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘मौद्रिक और तरलता की स्थिति की समीक्षा के बाद सीआरआर को क्रमिक तौर पर दो चरणों में धीरे-धीरे वापस चार प्रतिशत पर लाने का निर्णय लिया गया है। बैंकों को अब 27 मार्च 2021 से शुरू पखवाड़े से सीआरआर को एनडीटीएल के 3.5 प्रतिशत पर बनाये रखने की आवश्यकता होगी। इसी तरह बैंकों को 22 मई 2021 से प्रभावी पखवाड़े से सीआरआर को चार प्रतिशत पर लाना होगा।’’
आरबीआई ने पिछली बार नवंबर 2011 में सीआरआर को 0.25 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत कर दिया था।
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