जरुरी जानकारी | जेपी इन्फ्रा की सात परियोजनाओं के रेरा पंजीकरण को नए सिरे से मिली मान्यता

नयी दिल्ली, 10 फरवरी सुरक्षा समूह के नियंत्रण वाली जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 10,000 से अधिक इकाइयों वाली सात अटकी आवासीय परियोजनाओं के लिए रेरा पंजीकरण को नए सिरे से मान्यता मिल गई है।

इससे कंपनी स्थगित परियोजनाओं के निर्माण कार्य में तेजी ला सकेगी और लंबे समय से अपने घर का इंतजार कर रहे खरीदारों को कब्जा दे सकेगी।

मुंबई स्थित सुरक्षा समूह ने पिछले साल जून में तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन करके जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। सुरक्षा समूह के प्रवर्तक सुधीर वी वालिया को जेआईएल के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया था।

यह अधिग्रहण दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी के पिछले साल 24 मई को आए फैसले के बाद किया गया था। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने जेआईएल के अधिग्रहण के लिए सुरक्षा समूह की तरफ से लगाई गई बोली को बरकरार रखा था।

एनसीएलएटी ने सुरक्षा समूह को किसानों के मुआवजे के तौर पर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) को अतिरिक्त 1,334 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

सूत्रों ने कहा कि जेआईएल को अपनी सात परियोजनाओं के लिए रेरा पंजीकरण को दोबारा मान्यता मिल गई है। उन्होंने कहा कि इससे परियोजनाओं को पूरा करने के काम में तेजी आएगी और बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से आवासीय ऋण लेना आसान हो जाएगा।

जिन सात परियोजनाओं का रेरा पंजीकरण दोबारा मान्य हुआ है, उनमें जेपी ग्रीन्स क्लासिक-डी, जेपी ग्रीन्स कॉसमोस-ए (चरण-2), जेपी ग्रीन्स कॉसमोस-सी, जेपी ग्रीन्स केंसिंग्टन बुलेवार्ड अपार्टमेंट, जेपी ग्रीन्स कासा आइल्स, जेपी ग्रीन्स क्रिसेंट होम्स और पेबल कोर्ट शामिल हैं। इन परियोजनाओं में कुल मिलाकर 10,082 इकाइयां हैं।

सूत्रों ने कहा कि इन इकाइयों की दिसंबर, 2025 से चरणबद्ध तरीके से समाधान योजना के हिसाब से आपूर्ति की जाएगी।

जेपी इन्फ्राटेक की अन्य परियोजनाओं के रेरा पंजीकरण का नए सिरे से मान्यता लेने की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इसके पूरा होने की उम्मीद है।

आईडीबीआई बैंक की अगुवाई वाले लेनदार समूह ने जेआईएल के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया अगस्त, 2017 में शुरू की थी। सात मार्च, 2023 को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने जेआईएल को खरीदने के लिए सुरक्षा समूह की बोली को मंजूरी दी थी।

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