प्रयागराज, नौ जुलाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर वुजूखाना का भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने से मना करने वाले वाराणसी के जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका पर इंतेजामिया कमेटी को एक महीने में जवाब दाखिल करने का मंगलवार को निर्देश दिया।
इस मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति रोहित रंजन ने यह आदेश पारित करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 14 अगस्त तय की।
वाराणसी की अदालत में दायर शृंगार गौरी पूजा वाद के वादकारियों में से एक राखी सिंह द्वारा दायर इस पुनरीक्षण याचिका में अनुरोध किया गया है कि न्याय हित में वुजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण कराना आवश्यक है और इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
राखी सिंह के वकील सौरभ तिवारी ने दलील दी है कि संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए वुजूखाना का एएसआई से सर्वेक्षण कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश वुजूखाना के सर्वेक्षण का निर्देश देने के लिए कानून में निहित अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग करने में विफल रहे।
जिला न्यायाधीश ने 21 अक्टूबर, 2023 के आदेश में वुजूखाना का सर्वेक्षण का निर्देश देने से मना कर दिया था।
पुनरीक्षण याचिका में यह दलील भी दी गई है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार गैर-आक्रामक तरीके का उपयोग कर (शिवलिंग को छोड़कर) वुजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण संभव है।
उल्लेखनीय है कि एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण पहले ही कर चुका है और इसने वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
एएसआई ने वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के मुताबिक यह सर्वेक्षण किया था।
राजेन्द्र
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