तहव्वुर राणा को जमानत पर रिहा करने से भारत के साथ संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है: अमेरिकी अटॉर्नी
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को जमानत पर रिहा किए जाने का विरोध करते हुए अमेरिका ने कहा है कि इससे भारत के साथ देश के संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है. अमेरिका ने यह भी कहा कि राणा भारत में उसे सुनाई जा सकने वाली मौत की सजा से बचने के लिए कनाडा समेत किसी अन्य देश भाग सकता है.
वॉशिंगटन, 21 जून: पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी और मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को जमानत पर रिहा किए जाने का विरोध करते हुए अमेरिका ने कहा है कि इससे भारत के साथ देश के संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है. अमेरिका ने यह भी कहा कि राणा भारत (India) में उसे सुनाई जा सकने वाली मौत की सजा से बचने के लिए कनाडा समेत किसी अन्य देश भाग सकता है.
अमेरिका के सहायक अटॉर्नी जॉन जे लुलेजियान ने लॉस एंजिलिस में एक संघीय अदालत से कहा, "जमानत पर रिहा किए जाने पर इस बात की गारंटी नहीं होगी कि वह अदालत में पेश होगा. जमानत मंजूर किए जाने से विदेश मामलों के संबंध में अमेरिका को शर्मसार होना पड़ सकता है और इससे भारत के साथ उसके संबंधों में भी तनाव पैदा हो सकता है."
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लुलेजियान ने अमेरिका सरकार की ओर से अपील की कि भारत में राणा को प्रत्यर्पित किए जाने की कार्रवाई संबंधी प्रस्ताव जब तक लंबित है, तब तक उसे रिहा नहीं किया जाए. उन्होंने अनुरोध किया कि यदि उसे रिहा करने के आदेश पर विचार किया जाता है, तो संबंधित पक्षों को उचित समय में इसके बारे में अधिसूचित किया जाए, ताकि अमेरिका भारत के साथ हुई संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा कर पाए. लुलेजियान ने राणा को रिहा किए जाने पर उसके देश छोड़कर जाने की आशंका जताते हुए कहा कि उसके कनाडा में जाने से भारत में उसका प्रत्यर्पण खतरे में पड़ जाएगा.
उन्होंने तर्क दिया कि यदि राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है और भारतीय अदालतें यदि उसे हत्या की साजिश रचने और/या हत्या के मामले में दोषी ठहराते है, जो उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. लुलेजियान ने दलील दी कि राणा ऐसे किसी देश में भाग सकता है, जिसकी भारत के साथ प्रत्यर्पण संधि नहीं हो या कनाडा समेत किसी ऐसे देश में जा सकता है जो भारत से यह आश्वासन मिलने तक राणा को प्रत्यर्पित नहीं करे कि उसे मौत की सजा नहीं दी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के मामले में राणा को प्रत्यर्पित किए जाने के भारत के अनुरोध पर उसे अमेरिका में पुन: गिरफ्तार किया गया है. राणा (59) को अनुकंपा के आधार पर हाल में जेल से रिहा किया गया था. उसने अदालत को बताया था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था. अभियोजकों ने बताया कि भारत ने उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था. इसके बाद उसे 10 जून को फिर से गिरफ्तार किया गया. भारत में राणा को भगोड़ा घोषित किया गया है.
मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे. कैलिफोर्निया सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के अमेरिका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में न्यायाधीश जैक्लीन चूलजियान ने राणा के खिलाफ मामला लंबित रहने तक उसे जमानत पर रिहा करने या नहीं करने के मामले पर सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख तय की है.
राणा के खिलाफ भारत में 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था.
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