कोच्चि, पांच मई केरल में एलडीएफ सरकार को मंगलवार को तब राहत मिली जब केरल उच्च न्यायालय ने उस अध्यादेश पर रोक लगाने की अंतरिम राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया जो उसे राज्य सरकार एवं सरकार के स्वामित्व वाले संस्थानों के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों के भुगतान टालने का अधिकार देता है।
न्यायमूर्ति बी कुरियन थॉमस ने कहा कि राज्य एक मुश्किल समय से गुजर रहा है और अदालत अध्यादेश के प्रावधानों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
अदालत विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार कर रही थी जिसमें राज्य द्वारा कोविड-19 महामारी के चलते उत्पन्न आर्थिक स्थिति के मद्देनजर जारी केरल आपदा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (विशेष प्रावधान) अध्यादेश को चुनौती दी गई थी।
अदालत ने यह भी कहा कि सरकार को ऐसा अध्यादेश जारी करने का अधिकार है।
मामले पर बाद में सुनवायी करना निर्धारित किया गया।
सरकार द्वारा पिछले सप्ताह जारी अध्यादेश राज्य सरकार को किसी भी आपदा या सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल से उत्पन्न स्थिति के प्रबंधन के लिए कर्मचारी के वेतन के एक हिस्से को टालने का अधिकार देता है जो कि उसके कुल वेतन का एक चौथाई से अधिक नहीं होगा।
केरल एनजीओ एसोसिएशन और हायर सेंकंडरी स्कूल टीचर्स यूनियन ने अपनी याचिकाओं में आरोप लगाया है कि अध्यादेश को उच्च न्यायालय के हाल के उस फैसले से बचने के लिए जारी किया गया है जिसमें उस सरकारी आदेश पर रोक लगायी गई थी जो अप्रैल से अगस्त तक हर महीने सरकारी कर्मचारियों का छह दिन का वेतन की कटौती करने को लेकर था।
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