Manipur Assembly Elections: मणिपुर में प्रतिबंधित संगठनों को ‘भुगतान’ के मामले में उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि मणिपुर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार द्वारा ‘प्रतिबंधित चरमपंथी संगठनों को करोड़ों रुपये का भुगतान किए जाने’ को निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराया है और ऐसे में अब वह उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे.

कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नयी दिल्ली, 5 मार्च : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि मणिपुर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार द्वारा ‘प्रतिबंधित चरमपंथी संगठनों को करोड़ों रुपये का भुगतान किए जाने’ को निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराया है और ऐसे में अब वह उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे. मणिपुर के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘निर्वाचन आयोग ने गत एक फरवरी और एक मार्च को मणिपुर सरकार की ओर से प्रतिबंधित चरमपंथी संगठनों को किए गए भुगतान को आश्चर्यजनक ढंग से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं ठहराया है. मैं उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर रहा हूं.’’

उन्होंने दावा किया कि लंबे अंतराल के बाद चुनाव के समय भुगतान किया गया और इससे राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव को प्रभावित किया गया है. कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को आयोग के पास इस मुद्दे और कुछ अन्य विषयों को लेकर शिकायत की थी. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद शामिल थे. यह भी पढ़ें : मणिपुर में प्रतिबंधित संगठनों को ‘भुगतान’ के मामले में उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे रमेश

आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखने के बाद रमेश ने कहा था कि ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ (गतिविधि के निलंबन) के तहत गत एक फरवरी को चरमपंथी संगठनों को लगभग 15 करोड़ रुपये और एक मार्च को लगभग 95 लाख रुपये का भुगतान किया गया जो आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है. मणिपुर विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 28 फरवरी को हुआ था. दूसरे एवं आखिरी चरण का मतदान शनिवार को हो रहा है.

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