रांची, 28 मई : झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन का नेतृत्व कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) एवं उसकी सहयोगी कांग्रेस में द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों में अपना-अपना उम्मीदवार उतारने को लेकर तनाव पैदा हो गया है. एक ओर जहां कांग्रेस राज्य की दो सीटों के लिए हो रहे चुनावों में एक सीट के लिए अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है और इसके लिए झामुमो का समर्थन चाहती है वहीं 82 सदस्यीय विधानसभा में 30 विधायकों वाली झामुमो ने हर हाल में चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. झारखंड में दस जून को राज्यसभा की दो सीटों के लिए मतदान होना है.
बयासी सदस्यीय झारखंड विधानसभा में 81 निर्वाचित सदस्य होते हैं लेकिन इस समय झारखंड विकास मोर्चा से कांग्रेस में गये विधायक बंधु तिर्की की सदस्यता आय से अधिक संपत्ति मामले में 28 मार्च को तीन वर्ष कैद की सजा पाने के बाद समाप्त हो चुकी है जिसके चलते विधानसभा में मतदान करने योग्य कुल सदस्यों की संख्या 80 ही रह गयी है. अतः राज्य की वर्तमान विधानसभा में 26.67 मत पाने वाले उम्मीदवार का राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है.वर्तमान विधानसभा में जहां सत्ताधारी झामुमो के तीस विधायक हैं वहीं उसकी समर्थक कांग्रेस के कुल 17 विधायक हैं और दूसरी समर्थक पार्टी राजद का एक विधायक है. जबकि मुख्य विपक्षी भाजपा के कुल 26 विधायक हैं और उसे कम से कम दो अन्य विधायकों के समर्थन का विश्वास है. ऐसे में राज्यसभा में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष दोनों के एक-एक सदस्यों के चुने जाने की संभावना है. यह भी पढ़ें : Power Shortages: देश में बिजली संकट, 2015 के बाद पहली बार कोयला इम्पोर्ट करेगी कोल इंडिया
इस गणित के बीच, झामुमो ने आज घोषणा की कि राज्यसभा चुनाव में वह अपना उम्मीदवार जरूर उतारेगा. झामुमो के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद यह घोषणा की. भट्टाचार्य ने कहा कि सोनिया गांधी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुलाकात के बाद पार्टी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करेगी. झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए दस जून को होने वाले चुनावों के लिए अब तक किसी भी पार्टी ने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.