
झारखंड विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन 26 नवंबर को होगा. इस दिन राजधानी रांची में भव्य शपथग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. इस महत्वपूर्ण अवसर पर विपक्ष के कई बड़े नेता अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.
कौन-कौन होंगे शामिल?
इस शपथ ग्रहण समारोह में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, आप संयोजक अरविंद केजरीवाल, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, और वामपंथी नेता दीपांकर भट्टाचार्य समेत विपक्ष के अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे. यह आयोजन झारखंड में विपक्षी एकता का बड़ा उदाहरण होगा.
चुनाव में JMM गठबंधन की जीत
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सीटों वाली विधानसभा में 56 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया. वहीं, भाजपा को केवल 24 सीटों पर संतोष करना पड़ा. झामुमो ने 43 सीटों पर चुनाव लड़ा और 34 सीटें अपने नाम कीं, जो अब तक का उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है.
कांग्रेस को 16 सीटें, आरजेडी को 4 सीटें, और भाकपा (माले) को 2 सीटें मिलीं. राज्य में बहुमत के लिए जरूरी 41 सीटों का आंकड़ा गठबंधन ने आसानी से पार कर लिया.
‘मंईयां सम्मान योजना’ बनी जीत का आधार
चुनाव से पहले शुरू की गई ‘मंईयां सम्मान योजना’ झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत का एक अहम कारण बनी. इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है. साथ ही, गठबंधन ने इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने का वादा किया. इस योजना से करीब 57 लाख महिलाओं को सीधा फायदा पहुंचा.
हेमंत सोरेन ने जताया आभार
हेमंत सोरेन ने चुनावी जीत के बाद राज्य की जनता का आभार जताया और कहा, "यह जीत झारखंड के लोगों की लोकतंत्र में आस्था को दर्शाती है. हम जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे."
शपथ ग्रहण समारोह का महत्व
हेमंत सोरेन का शपथ ग्रहण समारोह न केवल झारखंड के लिए, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. विपक्षी नेताओं की उपस्थिति से ‘इंडिया’ गठबंधन को एक नई मजबूती मिलेगी और भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता का संदेश जाएगा.