Rajya Sabha Elections: राज्यसभा चुनाव में अधिकतर निर्विरोध चुने जाएंगे, इन राज्यों में होगा कड़ा मुकाबला

राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को नामांकन दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अधिकांश उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना है।

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नयी दिल्ली, 15 फरवरी: राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को नामांकन दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अधिकांश उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना है. जिन राज्यों की राज्यसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं उनमें उत्तर प्रदेश की 10, महाराष्ट्र तथा बिहार की छह-छह, पश्चिम बंगाल तथा मध्य प्रदेश की पांच-पांच, गुजरात तथा कर्नाटक की चार-चार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा की तीन-तीन और उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की एक-एक सीट शामिल हैं.

नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 20 फरवरी है. आवश्यकता पड़ने पर मतदान 27 फरवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा और मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे से होगी. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की ओर से जीत की संभावना के अतिरिक्त (संख्या बल के हिसाब से) एक-एक उम्मीदवार ज्यादा उतारे जाने से इन राज्यों में मुकाबला रोचक हो गया है.

उत्तर प्रदेश में भाजपा के आठ उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, राज्य में पार्टी के महासचिव अमरपाल मौर्य, राज्य की पूर्व मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन और स्थानीय उद्योगपति और पूर्व सपा नेता संजय सेठ शामिल हैं.

समाजवादी पार्टी (सपा) ने जया बच्चन को फिर से उम्मीदवार बनाया है जबकि इस बार पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक रंजन को भी टिकट दिया है. भाजपा के सात प्रत्याशियों ने बुधवार को नामांकन दाखिल किया था. सपा के तीन उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन पत्र भरे थे. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 जबकि निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं.

रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य है। उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिये 37 वोट चाहिए. 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में इस समय कुल 399 सदस्य हैं. सेठ के मैदान में उतरने से यहां मुकाबला रोचक हो गया है. राजस्थान से राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने वाली सोनिया गांधी ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं को एक भावुक पत्र लिखा और बताया कि वह स्वास्थ्य और उम्र संबंधी परेशानियों के कारण आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही हैं.

भाजपा के चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौर ने राज्य की अन्य दो सीटों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है. महाराष्ट्र से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को मैदान में उतारा है. कांग्रेस छोड़ने के अगले ही वह भाजपा में शामिल हुए थे. इसके अगले ही दिन उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया गया था. शिवसेना ने मिलिंद देवरा को उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने पिछले महीने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस ने चंद्रकांत हंडोरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रफुल्ल पटेल को उम्मीदवार बनाया है.

संसद के ऊपरी सदन में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मौजूदा सदस्यों की संख्या 114 हैं। इसमें भाजपा के 93 सदस्य शामिल हैं. कांग्रेस के पास 30 सीटें हैं, जो दूसरी सबसे ताकतवर पार्टी है। 50 सदस्य दो अप्रैल को और छह तीन अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे. जिन सांसदों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है उनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मांडविया और वी मुरलीधरन एवं भाजपा के अनिल बलूनी और सुशील कुमार मोदी शामिल हैं.

भाजपा ने कई वरिष्ठ नेताओं और निवर्तमान राज्यसभा सांसदों को राज्यसभा चुनाव के इस दौर में फिर से नामित नहीं किया है. ऐसे संकेत है कि पार्टी इनमें से कुछ को आगामी लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. भाजपा ने केंद्रीय मंत्रियों अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन को क्रमश: ओडिशा और मध्य प्रदेश से राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में फिर से नामित किया है. 28 निवर्तमान सांसदों में से भाजपा ने केवल चार नड्डा, दो केंद्रीय मंत्रियों और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को फिर से उम्मीदवार बनाया है.

वैष्णव 2019 में बीजद के समर्थन से संसद के उच्च सदन के लिए चुने गए थे और ओडिशा में सत्तारूढ़ पार्टी ने बुधवार को उन्हें फिर से समर्थन दिया. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने समिक भट्टाचार्य को मैदान में उतारा है. हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने नामांकन दाखिल किया.

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए अब सीधा मुकाबला होने की संभावना है क्योंकि भाजपा ने कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री हर्ष महाजन को सिंघवी के खिलाफ मैदान में उतारा है. भाजपा के कदम ने सिंघवी के निर्विरोध राज्यसभा में निर्वाचित होने की कांग्रेस की आशा को धूमिल कर दिया. पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी एक अंतराल के बाद तेलंगाना से राज्यसभा में वापसी करेंगी. चौधरी (69) दो बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा की सदस्य रह चुकी हैं.

एम अनिल कुमार यादव को भी इस दक्षिणी राज्य से मैदान में उतारा गया है जहां पार्टी दिसंबर में सत्ता में आई थी. पिछले साल हरियाणा से राज्यसभा का चुनाव लड़ने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को कांग्रेस ने पार्टी शासित कर्नाटक से उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने यहां सैयद नसीर हुसैन को भी फिर से उम्मीदवार बनाया है, जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यालय में समन्वयक हैं. यह कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य के रूप में हुसैन का दूसरा कार्यकाल होगा। कर्नाटक से कांग्रेस नेता जी सी चंद्रशेखर को पार्टी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है.

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