जयपुर, 16 नवंबर राजस्थान मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार रात यहां हुई, जिसमें पेट्रोल व डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती और कोटा में हवाई अड्डे के लिए निशुल्क भूमि देने को मंजूरी देने सहित कई फैसले किए गए।
बैठक के बाद जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में पेट्रोल पर वैट में चार रुपये व डीजल पर पांच रुपये प्रति लीटर की कटौती को मंजूरी दी गई।
इसके अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा बीते दिनों पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गई कमी के चलते राज्य के राजस्व में संभावित 1800 करोड़ रुपये सालाना की कमी के बावजूद मंत्रिपरिषद ने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए यह निर्णय किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पहले भी इस वर्ष के प्रारंभ में पेट्रोल-डीजल पर वैट में दो प्रतिशत की कमी कर प्रदेश की जनता को राहत दी थी। इस प्रकार राज्य सरकार को पहले से ही 2800 करोड़ रुपये की राजस्व हानि का सामना करना पड़ रहा है और मंत्रिपरिषद में लिए गए आज के निर्णय से यह राजस्व हानि बढ़कर 6300 करोड़ रुपये सालाना हो जाएगी।
मंत्रिपरिषद की बैठक में बताया गया कि पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि करने से केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आमजन को दी गई राहत में कमी आ रही है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 से पेट्रोल व डीजल पर मूल उत्पाद शुल्क को लगातार कम किया है और राज्यों के साथ साझा किए जाने वाले ''डिविजिएबल पूल'' के हिस्से को घटा दिया है। इससे राज्यों को मिलने वाले हिस्से में कमी आई है, जबकि विशेष व अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को लगातार बढ़ाया गया है।
बयान के अनुसार, बैठक में यह भी बताया गया कि राज्य के कुल कर राजस्व का 22 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पेट्रोल व डीजल पर वैट से आता है। कोरोना महामारी के कारण चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के राजस्व में अक्टूबर तक 20 हजार करोड़ रुपये की भारी कमी आई है।
इसके अनुसार, केंद्र द्वारा राज्य को 5,963 करोड़ रुपये के जीएसटी का पुनर्भरण उपलब्ध नहीं कराना भी इसका एक बड़ा कारण है।
वहीं, मंत्रिपरिषद ने राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन नीति-2015 में संशोधन को स्वीकृति दी है। मंत्रिमंडल के इस निर्णय से सामाजिक सुरक्षा प्रोत्साहन योजना-2021 के तहत महिलाओं, दिव्यांगों, बालक-बालिकाओं, वरिष्ठ नागरिकों, बेघर, ट्रांसजेंडर, नशा करने वाले व्यक्तियों तथा एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों के कल्याण से संबंधित गतिविधियों के लिए गैर-लाभकारी संस्थाओं को निशुल्क भूमि का आवंटन किया जा सकेगा।
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