राजस्थान : मानसून रूठा, जलापूर्ति के लिए चलानी पड़ सकती है 'वाटर ट्रेन'

राजस्थान के करीब एक दर्जन जिलों में इस बार मानसून की बारिश सामान्य से कम रही है और प्रशासन पाली जिले में पेयजल के आसन्न संकट से निपटने के लिए 'वाटर ट्रेन' चलाने पर विचार कर रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits : PTI)

जयपुर, 3 सितंबर: राजस्थान (Rajasthan) के करीब एक दर्जन जिलों में इस बार मानसून (Monsoon) की बारिश सामान्य से कम रही है और प्रशासन पाली (Pali) जिले में पेयजल के आसन्न संकट से निपटने के लिए 'वाटर ट्रेन' (Water Train) चलाने पर विचार कर रहा है.पाली जिले के जल जीवन रेखा जवाई बांध में लगभग 10 फुट पानी बचा है, जिससे प्रशासन पानी की मांग को पूरा करने के लिए 'वाटर ट्रेन' चलाने के विकल्प पर विचार कर रहा है.जवाई बांध इलाके के सुमेरपुर (Sumerpur), रालकानी (Ralkani) , फालना (Falna) , बाली जैतारण (Bali Jaitaran), सोजत (Sojat) , तख्तगढ़ (Takhtgarh), मारवाड़ जंक्शन (Marvad Junction) सहित पाली शहर को पानी की आपूर्ति करता है. इनके अलावा अनके छोटे-छोटे गांव पेयजल के साथ साथ सिंचाई के लिए जवाई बांध पर निर्भर हैं.यह भी पढे: लोकसभा अध्यक्ष ने पैरालंपिक में पदक जीतने पर प्रवीण, अवनि को बधाई दी

जल संसाधन एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग 15 सितंबर तक इंतजार करेगा जिसके बाद पेयजल आपूर्ति के वास्ते बजट स्वीकृति के लिए रिपोर्ट भेजी जाएगी. विभाग के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद शर्मा ने बताया कि बांध के डेड स्टोरेज से 20 सितंबर के बाद प्रतिदिन 50-60 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पानी की आपूर्ति की जाएगी.इसे देखते हुए 21 सितंबर से वाटर ट्रेन चलाने का निर्णय किया गया है। यह ट्रेन जोधपुर से पाली तक प्रतिदिन चार फेरे में करीब 10 एमएलडी पानी की आपूर्ति करेगी. 2019 में, पाली में ट्रेन के माध्यम से पानी की आपूर्ति करनी पड़ी थी जब क्षेत्र में मानसून की गतिविधि औसत से कम रही.इस मानसून के दौरान राज्य की औसत वर्षा अभी भी 2 सितंबर, 2020 की तुलना में 8.8 प्रतिशत कम है. मौसम विभाग के अनुसार लगभग एक दर्जन जिलों में अब भी बारिश सामान्य से कम हुई है.

इनमें बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जालोर, झुंझुनू, जोधपुर, पाली, राजसमंद और उदयपुर शामिल हैं.प्रभावित जिलों के जिला कलेक्टरों को भी सूखे या सूखे जैसी स्थिति के लिए आकस्मिक योजना बनाने को कहा गया है. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि मानसून आखिरी दौर में है इसलिए इन जिलों में बारिश की कमी पूरी होने की संभावना कम ही है.वर्ष 2020 में दो सितंबर तक औसत वर्षा 449.50 मिमी थी लेकिन इस वर्ष अब तक यह 409.83 मिमी रही है. श्रीगंगानगर जिले में इस सीजन में अब तक 74 मिमी बारिश हुई है जो बहुत कम है जबकि बारां में 1074.90 मिमी बारिश हुई है जो राज्य में सबसे अधिक है.

पृथ्वी

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