जयपुर, 10 मार्च राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सरकार राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए उचित प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी, इससे उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाएं स्वावलम्बी बन रही हैं और उनका सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तीकरण हो रहा है।
गहलोत बुधवार को राजस्थान ग्रामीण आजीविका परिषद और ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से रामलीला मैदान में आयोजित जयपुर सरस राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले का वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस मेले में देश के विभिन्न राज्यों से आए दस्तकारों, शिल्पकारों, कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनकी कला और हुनर को भरपूर प्रोत्साहन देगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में दो लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों से 23 लाख से अधिक महिलाओं का जुड़ना शुभ संकेत है और यह दर्शाता है कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दस्तकारों, बुनकरों, हस्तशिल्पियों आदि कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में कई घोषणाएं की हैं जिनमें दिल्ली हाट की तर्ज पर जयपुर हाट विकसित करने, सीकर के शहरी हाट का काम पूरा करने, राजीविका से जुड़े ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों के एक लाख रूपये तक के उत्पादों की सरकारी विभागों में सीधी खरीद का प्रावधान, हैण्डलूम के कार्डधारक बुनकरों को एक लाख रूपये तथा हैण्डीक्राफ्ट दस्तकारों के लिए तीन लाख रूपये तक के ऋण पर ब्याज का राज्य सरकार द्वारा शत-प्रतिशत पुर्नभरण जैसी कई घोषणाएं शामिल हैं।
गहलोत ने कहा कि आर्गेनिक खेती का प्रचलन दिनो-दिन बढ़ रहा है, इसे देखते हुए स्वयं सहायता समूह अधिक से अधिक आर्गेनिक उत्पाद तैयार करें। उनका कहना था कि इससे लोगों को गुणवत्तायुक्त उत्पाद मिलने के साथ ही स्वयं सहायता समूहों को बेहतर मूल्य भी मिल सकेगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)