जयपुर, सात अगस्त राजस्थान सरकार हर कार्यक्षेत्र पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उनकी शिकायतों के समाधान के लिये त्रिस्तरीय महिला समाधान समितियों का तंत्र विकसित कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार के सात विभागों को साथ लिया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण निदेशालय की आयुक्त रश्मि गुप्ता ने यह जानकारी दी।
रश्मि ने कहा कि राज्य के हर कार्यक्षेत्र पर जल्द ही स्थानीय महिला सुरक्षा और समाधान समितियों की जानकारी पट्टिका लगाया जाना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा संगठित, असंगठित, औपचारिक एवं अनौपचारिक आदि क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा के लिए समुचित शिकायत निवारण एवं समस्या समाधान के लिए त्रिस्तरीय महिला समाधान समितियों का तंत्र विकसित किया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया कि इसके अधीन अब राज्य सरकार के पुलिस, श्रम, उद्योग, न्याय, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा जैसे सात विभाग के प्रतिनिधियों की प्रखंड, जिले एवं संभाग स्तर पर समितियों का गठन किया जा रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य सभी असंगठित क्षेत्रों में विशाखा दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा।
गुप्ता के अनुसार इस नवीन व्यवस्था द्वारा वर्तमान में महिला सुरक्षा से संबंधित राज्य सरकार की सभी इकाइयों जैसे कि सखी, वन स्टॉप सेंटर, महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र, गरिमा हेल्पलाइन, 181 महिला हेल्पलाइन आदि पर आने वाली शिकायतों की निगरानी और आवश्यकता के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा,'मौजूदा जिला स्तरीय समितियों पर आने वाली शिकायतों के अध्ययन से यह सामने आया कि असंगठित क्षेत्र की महिलओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक ज्यादा सहज व्यवस्था की आवश्यकता है। इनमें से बहुत सी महिलाओं में सामान्य शिक्षा और अधिकारों की जानकारी का भी अभाव होता है ऐसे में इन्हे न सिर्फ कानूनी मामलों में बल्कि सामाजिक चुनौतियों में भी सम्बल देने की आवश्यकता है।'
उनके अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जनघोषणा के अनुरूप स्थापित की जाने वाली इन समितियों से प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे अन्य प्रयासों को भी संबल मिलेगा।
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