नयी दिल्ली, 24 नवंबर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच जाने के बाद शुक्रवार को संबंधित एजेंसियों और विभागों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती के साथ रोक लगाने और खेतों में आग लगाने के बढ़ते मामलों को रोकने के निर्देश दिये हैं।
हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी के वायु प्रदूषण में वाहनों का उत्सर्जन लगभग 25-30 प्रतिशत है। राय ने यहां संवाददाताओं से कहा, हालांकि पराली जलाना कम हो गया है, लेकिन शहर के वायु प्रदूषण में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के विभिन्न स्थानों पर खेतों में हो रहीं आग लगाने की घटनाएं 21 फीसदी जिम्मेदार हैं।
राय ने इससे पहले दिन में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग और दिल्ली यातायात पुलिस को क्रमित प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी-ग्रैप) के तृतीय चरण के तहत बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-पांच डीजल वाहनों पर लगे प्रतिबंध के कार्यान्वयन की सख्ती से निगरानी करने के लिए कहा गया है।
दिल्ली नगर निगम और राजस्व विभाग को खेतों में आग लगाने के मामलों को रोकने के निर्देश दिये गये हैं।
राय ने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में तापमान गिरने के साथ ही ऐसे मामले बढ़ने वाले हैं।’’
मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण का स्तर दो दिनों तक ‘गंभीर’ स्तर पर बना रहेगा और उसके बाद, पूर्वानुमानित अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता शुक्रवार को फिर से गंभीर स्तर पर पहुंच गई, तापमान में गिरावट और रात में हवा की धीमी गति होने के कारण प्रदूषित कणों का बिखराव नहीं हो पा रहा है।
शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे 401 दर्ज किया। 24 घंटे का औसत एक्यूआई हर दिन शाम चार बजे दर्ज किया जाता है। बृहस्पतिवार को एक्यूआई 390, बुधवार को 394, मंगलवार को 365, सोमवार को 348 और रविवार को 301 दर्ज किया गया था।
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