रघुराम राजन के बाद राहुल गांधी आज सुबह 9 बजे अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी से करेंगे संवाद, COVID-19 से देश में आई आर्थिक संकट पर होगी चर्चा

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हो रहे आर्थिक संकट से बाहर निकलने के उपायों पर चर्चा की कड़ी में गांधी यह संवाद करेंगे।

राहुल गांधी व अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कोरोना वायरस संकट और इसके आर्थिक प्रभाव पर, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) के साथ मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करेंगे. कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हो रहे आर्थिक संकट से बाहर निकलने के उपायों पर चर्चा की कड़ी में गांधी यह संवाद करेंगे. उन्होंने पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन के साथ इसी तरह का संवाद किया था. इस संवाद में राजन ने, कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को सावधानीपूर्वक खत्म करने की पैरवी करते हुए कहा था कि गरीबों की मदद के लिए सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जाएं और इस पर करीब 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.

अभिजीत बनर्जी से संवाद करने को लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया हैं. उन्होंने लिखा है कि मंगलवार सुबह 9 बजे नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ कोरोना वायरस क्राइसिस के कारण देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर चर्चा करूंगा. इस दौरान राहुल गांधी उनसे कोरोना महामारी, लॉकडाउन और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर बातचीत कर सकते हैं. इस बातचीत को कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और यूट्यूब चैनल पर सुबह 9 बजे प्रसारित किया जाएगा. यह भी पढ़े: कोरोना से जंग जारी: राहुल गांधी बोले-मेरी चेतावनी पर ध्यान देने और FDI मानदंडों में संशोधन के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद

कोरोना पर राहुल गांधी अभिजीत बनर्जी से करेंगे संवाद:

बता दें कि कोरोना वायरस के चलते देश में पिछले 24 मार्च से लॉकडाउन घोषित है. जिस लॉकडाउन के चलते देश के अर्थव्यस्था तेजी के साथ गिरते ही जा रही है. क्योंकि इस लॉकडाउन से पूरी तरह से सभी काम काज बंद हैं. 3 मई के बाद लॉकडाउन एक बार फिर से दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है. इस लॉकडाउन में सरकार की तरफ से थोड़ी राहत दी गई है. लेकिन देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए काफी नहीं है.

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