जयपुर, 23 जून राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में सड़क तंत्र का सुदृढ़ीकरण राज्य सरकार की प्राथमिकता है और सड़कों के विकास से ही सामाजिक एवं औद्योगिक विकास संभव हुआ है इसलिए सड़कों के निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होना चाहिए।
गहलोत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों की जांच के लिए प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ करने और बड़ी परियोजना की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों की सेवाएं लेने के निर्देश दिए।
वह बृहस्पतिवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और उन्नयन सरकार की प्राथमिकता हैं। राज्य में सड़क निर्माण हेतु बजट में पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं, ताकि प्रदेश में शानदार सड़कें बनें।
गहलोत ने कहा कि वर्तमान सरकार ने तीन वर्ष चार माह के कार्यकाल में गत सरकार की अपेक्षा कई गुना कार्य किए हैं। इनमें सड़कों के विकास पर गत सरकार के 15,383 करोड़ रुपये की तुलना में हमने 20,126 करोड़ रुपये व्यय कर 44,613 किलोमीटर लंबी सड़कों का विकास किया।
वहीं, ग्रामीण सड़कों के उन्नयन व नवीनीकरण में भी 14,896 किमी. की तुलना में 31,686 किमी. के कार्य कराए हैं। इससे ग्राम पंचायत मुख्यालयों तक सड़कें पहुंचने से ग्रामीण विकास को गति मिली है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार में 10 आरओबी के निर्माण हुए है, जबकि गत सरकार में चार ही बने थे। इस तीन साल के कार्यकाल में 380 कनिष्ठ अभियंताओं और 319 सहायक अभियंताओं की भर्ती कराई गई, जबकि गत सरकार द्वारा इसी अवधि में जेईएन के 14 पदों पर ही भर्ती हुई थी।
कुंज
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