चंडीगढ़, 16 दिसंबर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से उनकी उचित मांगों पर चर्चा के लिए केंद्र के साथ वार्ता बहाल करने की बुधवार को अपील की। साथ ही, उन्होंने कहा कि अपने रुख पर अडिग बने रहने का यह वक्त नहीं है।
उन्होंने डिजिटिल माध्यमों से एक किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार कृषक समुदाय के हित में कई कदम उठा रही है।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके (किसानों के)साथ उनकी उचित मांगों पर चर्चा करने के लिए वार्ता करने को तैयार हैं। हम इस समस्या का हल चाहते हैं लेकिन यह जरूरी है कि किसान भाई फिर से वार्ता में शामिल हों और अपनी बात रखें।’’
पंजाब और हरियाणा तथा अन्य राज्यों के हजारों किसान सिंघू और टिकरी सहित दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर एक पखवाड़े से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।
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आवासन और शहरी कार्य मंत्री ने कहा कि केंद्र ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी प्रणाली के मुद्दों पर तथा आंदोलनरत किसानों के विवाद के समाधान का भरोसा दिलाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि उनके पास चर्चा के लिए और भी कुछ मुद्दे हैं, तो वे आएं। लेकिन यह वक्त अपने रुख पर अडिग बने रहने का नहीं है। ’’ उन्होंने नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रदर्शनकारी किसानों की मांग का संभवत: जिक्र करते हुए यह कहा।
पुरी ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी के पास प्रदर्शन करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्रदर्शन करने का एक तरीका भी है। यदि आप राष्ट्रीय राजधानी के नजदीक ट्रैक्टर लाते हैं तो यह प्रदर्शन नहीं है। ’’
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने लिखित में यह आश्वासन देने का प्रस्ताव किया है कि फसल खरीद के लिए मौजूदा एमएसपी व्यवस्था जारी रहेगी।
सरकार ने कम से कम सात मुद्दों पर आवश्यक संशोधन करने का भी प्रस्ताव किया है। इसमें मंडी प्रणाली के कमजोर होने से जुड़ी आशंकाओं को दूर करना भी है।
हालांकि, किसान संघों की यह मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाए, जबकि सरकार ने उनकी मांग खारिज कर दी है।
पुरी ने हरित क्रांति लाने को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों की सराहना की।
उन्होंने पंजाब भाजपा नेतृत्व से किसानों के साथ बैठने और उनसे यह पूछने का अनुरोध किया कि क्या वे मानते हैं कि उन्हें सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन से राहत मिलेगी।
पंजाब भाजपा प्रमुख अश्विनी शर्मा ने कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार हमेशा ही किसानों के साथ है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। ’’
पुरी ने कहा कि भाजपा शासन के तहत कृषि बजट पिछले छह वर्षों में छह गुना बढ़ कर 1.34 लाख करोड़ रुपये का हो गया है।
उन्होंने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन 2015-16 में 25.1 करोड़ टन था जो अब 29.6 करोड़ टन हो गया है।
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