चंडीगढ़, तीन अक्टूबर पंजाब के किसानों ने केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रखा और वे अनिश्चितकाल के लिए रेल पटरियों पर बैठे है।
आंदोलनकारी किसानों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाये और कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक नये कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।
किसानों के कुल 31 संगठन आंदोलन करने के लिए एक साथ आये थे। उन्होंने एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल पटरियों को अवरूद्ध करने की घोषणा की थी।
ढबलान (पटियाला), सुनाम (संगरूर), बुढलाडा (मानसा), गिद्दड़बाहा (मुक्तसर), बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, गुरदासपुर, रूपनगर, फिल्लौर, समरला और मोगा सहित कई स्थानों पर किसानों ने रेल पटरियों को अवरुद्ध किया है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसान 24 सितम्बर से अमृतसर और फिरोजपुर में रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल के अनुसार, 33 स्थानों पर रेल पटरियों को अवरूद्ध किया गया।
किसानों ने राज्य में कुछ कॉरपोरेट घरानों और उनके उत्पादों का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया है।
पंजाब भाजपा के पूर्व प्रमुख श्वेत मलिक समेत भाजपा के पांच नेताओं के घरों के बाहर धरना दिया गया।
अमृतसर में आंदोलनकारी किसानों ने सरकार के पुतले भी जलाये।
फगवाड़ा में पुलिस ने किसानों को केन्द्र मंत्री सोम प्रकाश के आवास की ओर जाने से रोक दिया। प्रदर्शनकारी मंत्री के आवास का घेराव करना चाहते थे।
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