पंजाब चुनाव नतीजे: हरीश चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवारों की बैठक बुलायी
कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

चंडीगढ़, 15 मार्च : पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने मंगलवार को पार्टी की हार की समीक्षा करने के लिए उम्मीदवारों की बैठक बुलायी. बैठक शुरू होने से पहले चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि वह हार के पीछे की वजहों का पता लगाने के लिए पार्टी उम्मीदवारों से निजी रूप से मुलाकात करेंगे. निवर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और पार्टी की पंजाब ईकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू भी पंजाब कांग्रेस कार्यालय पहुंच गए हैं. हालांकि, दोनों ने मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया है.

बस्सी पठानां विधानसभा सीट से हारने वाले गुरप्रीत सिंह ने चुनावों में पार्टी की करारी हार के लिए चन्नी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया होता तो वह कम से कम 50 सीटों पर जीत जाती. गुरप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री चन्नी पार्टी की हार की एकमात्र वजह हैं. लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर चन्नी को बिल्कुल पसंद नहीं किया. अगर नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया होता तो हम कम से कम 50 सीटें जीत जाते.’’ सिद्धू के खुद अपनी अमृतसर पूर्व सीट से हारने पर गुरप्रीत सिंह ने फिर से चन्नी को जिम्मेदार ठहराया.,पंजाब के नेता ने कहा कि पंजाब के लोग चन्नी की कैसे सुन सकते हैं जब उनका भाई ही नहीं सुनता. चन्नी के भाई मनोहर सिंह ने गुरप्रीत सिंह के खिलाफ बस्सी पठानां से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था. यह भी पढ़ें : मप्र सरकार पशुओं को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चलित पशु चिकित्सा इकाइयां शुरु करेगी

एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बाद चन्नी के भतीजे से भारी मात्रा में धन बरामद होने के बाद पार्टी आलाकमान को उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करना चाहिए था. कांग्रेस के पूर्व विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि चन्नी पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के मुकाबले ज्यादा अमीर हैं. लुधियाना पश्चिम सीट से हार का सामना करने वाले कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु ने कहा, ‘‘हम चुनावों में किन वजहों से हारे, यह जल्द ही बाहर आ जाएगा. मुझे नहीं लगता कि पार्टी कमजोर है या हम नेतृत्व के कारण हारे.’’ चुनावों में हार को लेकर पंजाब कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.