BSF को ज्यादा पावर देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पारित, जानें क्या हैं विवाद की मुख्य वजह
पंजाब विधानसभा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का ‘‘अपमान’’ बताया और इसे वापस लेने की मांग की. राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केवल दो सदस्यों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से केंद्र के आदेश को ‘‘खारिज’’ करने का प्रस्ताव आम सहमति से पारित किया गया.
चंडीगढ़: पंजाब (Punjab) विधानसभा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित कर इसे राज्य पुलिस का ‘‘अपमान’’ बताया और इसे वापस लेने की मांग की. राज्य विधानसभा में बीजेपी (BJP) के केवल दो सदस्यों की अनुपस्थिति में सर्वसम्मति से केंद्र के आदेश को ‘‘खारिज’’ करने का प्रस्ताव आम सहमति से पारित किया गया. बीएसएफ के क्षेत्राधिकार विस्तार और कृषि कानूनों का पंजाब में कार्यान्वयन नहीं चाहता है शिअद
केंद्र सरकार ने पिछले महीने सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर से बढ़ाते हुए 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए अधिकृत करने के वास्ते बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया था.
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है, ‘‘पंजाब शहीदों की भूमि है… उन्होंने हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में अनुकरणीय बलिदान दिए हैं.’’
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पंजाब पुलिस देशभक्ति का एक अनूठा बल है जिसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बहुत योगदान दिया है. भारत के संविधान के अनुसार, कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और इस उद्देश्य के लिए, पंजाब सरकार पूरी तरह से सक्षम है.’’
इसमें कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने का निर्णय राज्य पुलिस और पंजाब के लोगों के प्रति अविश्वास की अभिव्यक्ति है. यह उनका अपमान भी है.’’ इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले राज्य से परामर्श करना चाहिए था.
इसमें कहा गया है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की कोई आवश्यकता नहीं थी.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के फैसले की निंदा की है और मांग की है कि केंद्र सरकार को गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 11.10.2021 की तिथि में जारी अधिसूचना को वापस लेना चाहिए.’’
रंधावा ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना को ‘‘संघीय ढांचे पर हमला’’ करार दिया. उन्होंने कहा कि सदन के सदस्यों को इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहिए.
अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सदन में कहा कि राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को यह निर्णय लेना चाहिए कि पंजाब पुलिस बीएसएफ के साथ 15 किलोमीटर के आगे के क्षेत्र में सहयोग नहीं करेगी.
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों का समर्थन मांगते हुए कहा कि यह एक संयुक्त लड़ाई है.
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