नयी दिल्ली, 17 अप्रैल उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वह इन खबरों को लेकर ‘‘बेहद व्यथित’’ हैं कि मेघालय एवं तमिलमनाडु में लोगों ने कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले डाक्टरों के अंतिम संस्कार का विरोध किया क्योंकि उन्हें इस बीमारी के और फैलने का डर था।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज की चेतना पर धब्बा हैं ।
एक अखबार की खबर का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मेघालय के इस डॉक्टर के अंतिम संस्कार में 36 घंटे की देरी हुई।
उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘ऐसी घटनाएं समाज की चेतना पर धब्बा हैं और पार्टी, धर्म तथा क्षेत्र से ऊपर उठकर यह हम सभी लोगों के लिए चिंता का सबब है।’’
नायडू ने कहा कि स्थानीय लोगों के इस ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार’’ के कारण मुख्यमंत्री कॉनरैड संगमा को आखिरकार मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्थानीय लोगों के विरोध के कारण डॉक्टर का शव कई घंटे उस अस्पताल में ही घंटों पड़ा रहा जिसकी उन्होंने स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि दरअसल उन्हें दफनाने या उनका दाह संस्कार करने की कोशिश स्थानीय विरोध के चलते असफल रही थी।
नायडू ने कहा, ‘‘ चेन्नई में भी ऐसी ही घटना के बारे में जानकर और दुख हुआ जहां एक सिटी अस्पताल में नेल्लोर के एक डाक्टर की मृत्यु के बाद स्थानीय लोगों ने उनके अंतिम संस्कार का विरोध किया।’’
उन्होंने बाद में ट्वीट किया, ‘‘ यह जानकर निराशा हुई कि पुलिस और अन्य अधिकारियों की मदद से शव को अंतिम संस्कार के लिए अन्यत्र ले जाना पड़ा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को शिक्षित करने और भविष्य में इस तरह की अमानवीय घटनाओं को रोकने के लिए कोविड-19 के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने की तत्काल आवश्यकता है।’’
उपराष्ट्रपति ने गृह सचिव और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक के साथ इस मुद्दे पर अपनी चिंताएं साझा की।
उन्होंने कहा कि यह बहुत पीड़ा का विषय है कि कोरोना वायरस से संक्रमित शवों के निपटारे के लिए मार्च में केंद्र सरकार द्वारा जारी परामर्श के बावजूद ऐसी घटना हुई।
नायडू ने कहा, ‘‘मैं सभी नागरिकों से मुश्किल की इस घड़ी में अतार्किक रूप से नहीं बल्कि सहानुभूतिपूर्ण एवं करुणा के साथ प्रतिक्रिया देने का अनुरोध करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि लोगों को जिम्मेदारीपूर्वक व्यवहार करना चाहिए और अफवाहों पर यकीन नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘ डॉक्टर और चिकित्सा बिरादरी कोविड-19 महामारी के दौरान हमें बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रही है। हमें इस मुश्किल घड़ी में उनका सम्मान और सहयोग करने की जरूरत है।’’
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