विदेश की खबरें | गहराते संकट के बीच प्रदर्शनकारी लेबनान के मंत्रालय में घुसे

सामाजिक मामलों के मंत्रालय में प्रवेश करने वाले लगभग एक दर्जन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाउंड में लगातार गिरावट के कारण संकटग्रस्त देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति और बिगड़ गई है, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर 25,100 पाउंड तक पहुंच गया है। पिछला रिकॉर्ड 25,000 पाउंड का था।

देश में हाल के हफ्तों में कीमतों में भारी वृद्धि हुई है क्योंकि सरकार ने ईंधन और कुछ दवाओं पर सब्सिडी हटा ली है, जिससे ये चीजें लेबनान में अनेक लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं।

लेबनान में एक लाख सीरियाई शरणार्थियों सहित साठ लाख की आबादी में से लगभग तीन चौथाई लोग अब गरीबी में जी रहे हैं। देश में न्यूनतम मासिक वेतन अब लगभग 27 डॉलर है।

प्रदर्शनकारी मंत्रालय के बैठक कक्ष में घुस गए और राष्ट्रपति मिशेल औन की एक तस्वीर को हटाने से पहले उसे उल्टा कर दिया।

उन्होंने राष्ट्रपति की तस्वीर की जगह अरबी में लिखा एक बैनर लगा दिया, जिस पर लिखा था, ‘‘17 अक्टूबर के क्रांतिकारी।’’ प्रदर्शनकारी देश के शासक वर्ग के खिलाफ 17 अक्टूबर, 2019 को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू होने का जिक्र कर रहे थे।

पुलिस के हस्तक्षेप के बाद इमारत से बाहर निकलने से पहले एक प्रदर्शनकारी ने चिल्लाते हुए कहा, ‘‘जिन लोगों ने जनता का पैसा हड़प लिया, वे सुधार नहीं कर सकते।’’

कोरोना वायरस तथा चार अगस्त, 2020 के बंदरगाह विस्फोट ने संकट को और भी गहरा बना दिया है। इस विस्फोट में 216 लोग मारे गए थे और 6,000 से अधिक लोग घायल हुए थे और राजधानी का कुछ हिस्सा नष्ट हो गया था।

देश के एक कैबिनेट मंत्री की टिप्पणियों से तेल-सम्पन्न खाड़ी देशों के साथ लेबनान का राजनयिक विवाद पैदा हो गया है। देश के अन्य हिस्सों में, प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय बैंकों की कुछ शाखाओं के बाहर ‘‘लेबनानी पाउंड को नष्ट करने वाले माफिया’’ लिखे पोस्टर लगा दिए।

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