कोल्हापुर (महाराष्ट्र), नौ अप्रैल : मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ( Sharad Pawar) के आवास के बाहर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शनिवार को कहा कि यह पुलिस विभाग और खुफिया एजेंसियों की ‘‘बड़ी विफलता’’ है तथा इसकी जांच होनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता फडणवीस ने कहा कि उन्होंने पूर्व में कहा था कि एमएसआरटीसी के हड़ताली कर्मचारियों के मुद्दों को उचित मंच पर रखने की जरूरत है तथा राज्य सरकार को उनकी मांगों को सुनना चाहिए. एमएसआरटीसी के 100 से अधिक हड़ताली कर्मियों का एक समूह शुक्रवार को दोपहर बाद दक्षिण मुंबई में पेडर रोड स्थित पवार के आवास ‘सिल्वर ओक’ के बाहर अचानक पहुंच गया और उग्र प्रदर्शन किया. घटना से अनजान पुलिस को आक्रामक प्रदर्शनकारियों पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने राकांपा प्रमुख के खिलाफ नारेबाजी की और उनमें से कुछ ने अपने जूते उनके घर की ओर फेंके.
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पवार ने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया. फडणवीस ने कहा, ‘‘...(प्रदर्शन के बाद) एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठा है कि पूरे मीडिया को प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के बारे में पता था. मीडिया में काम करने वाले मेरे कुछ दोस्तों ने कल मुझे बताया कि उन्हें अपराह्न ढाई बजे संदेश (विरोध के बारे में) मिला था. इसलिए महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि पुलिस क्या कर रही थी.’’ राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष ने कहा, ‘‘लोग योजना बनाकर इतने बड़े नेता के आवास की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस को कुछ पता नहीं चला. यह पुलिस की बड़ी विफलता है और इसकी जांच होनी चाहिए. पुलिस और खुफिया विभाग की इतनी बड़ी विफलता कैसे हो सकती है. यह भी पढ़ें : आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म मामले की पीड़िता के परिवार ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई
कैमरे (मीडियाकर्मी) समय पर वहां पहुंच जाते हैं, लेकिन पुलिस देर से पहुंचती है.’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के पूरे दृश्य भयावह थे और घटना की जांच होनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं. परिवहन निगम में 90,000 से अधिक कर्मचारी हैं. पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, जबकि परिवहन विभाग शिवसेना के अनिल परब के पास है. हड़ताली कर्मचारियों की मुख्य मांग नकदी संकट से जूझ रहे परिवहन निगम का राज्य सरकार में विलय करने की है. पवार के आवास के बाहर प्रदर्शन बंबई उच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारियों को 22 अप्रैल तक ड्यूटी फिर से शुरू करने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद हुआ.