देश की खबरें | असम में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन ; मोदी, शाह के पुतले फूंके गए

गुवाहाटी, 12 मार्च सशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू किये जाने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पुतले फूंके जाने के साथ पूरे असम में मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन हुआ तथा इस कानून की प्रतियां जलाई गईं।

असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने लखीमपुर में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पुतले फूंके, जबकि कांग्रेस ने सीएए लागू किये जाने के विरोध में जिले के विभिन्न हिस्सों में इस कानून की प्रतियां जलाईं।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने गुवाहाटी स्थित राजभवन के सामने प्रदर्शन किया और सीएए की प्रतियां जलाईं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी यहां और कामरूप के रंगिया कस्बे में प्रदर्शन किया, जबकि विभिन्न कॉलेजों के छात्रों ने शहर में अपने-अपने संस्थानों के बाहर प्रदर्शन किए।

शिवसागर जिले में, रायजोर दल, कृषक मुक्ति संग्राम समिति और छात्र मुक्ति परिषद के कार्यकर्ताओं और विधायक अखिल गोगोई ने कानून के खिलाफ प्रदर्शन किये तथा केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की।

कांग्रेस और एजेवाईसीपी द्वारा सीएए की प्रतियां जलाने की क्रमश: बारपेटा और नलबारी से भी सूचना मिली है।

असम में 16 दलों के ‘यूनाइटेड ऑपजिशन फोरम असम’ के 12 घंटे के हड़ताल का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला।

शिवसागर, गोलाघाट, नगांव और कामरूप जैसे कुछ जिलों में दुकानें एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहें।

अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि असम पुलिस ने विपक्षी दलों को नोटिस जारी कर उनसे हड़ताल वापस लेने को कहा था, और चेतावनी दी थी कि यदि वे इस आदेश का पालन करने में नाकाम रहते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस महानिदेशक जी पी सिंह ने कहा, ‘‘असम पुलिस द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी किया गया था कि राज्य में किसी भी आंदोलन के माध्यम से सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न हो और लोगों के जीवन को कोई खतरा न हो।’’

असम पुलिस द्वारा जारी नोटिस की आलोचना करते हुए सैकिया ने कहा कि यह शर्मनाक है कि राज्य पुलिस विभाग भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सीएए लागू किये जाने के खिलाफ शांतिपूर्वक और लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन जारी रखेंगे।’’

सोनितपुर में, जिला प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू कर दी है।

संवेदनशील इलाकों में कमांडों की तैनाती सहित अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात कर पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इसके अलावा पुलिस की गश्त भी बढ़ा दी गई है।

ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और 30 गैर-राजनीतिक संगठन शाम में मशाल जुलूस निकालेंगे और बुधवार से सत्याग्रह शुरू करेंगे।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)