देश की खबरें | मनमोहन को प्रमुख हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि, शनिवार को पंचतत्व में विलीन होंगे आर्थिक सुधारों के जनक

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर देश में आर्थिक सुधारों के जनक और सार्वजनिक जीवन में सौम्यता के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन को शुक्रवार को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कांग्रेस के प्रमुख नेताओं तथा कई अन्य हस्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

पूर्व प्रधानमंत्री सिंह की अंत्येष्टि शनिवार को की जाएगी।

तिरंगे में लिपटे पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर को उनके आवास ‘3 मोतीलाल नेहरू मार्ग’ पर फूलों से सजे ताबूत में रखा गया, जहां दलगत भावना से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने मनमोहन सिंह को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सिंह की पत्नी गुरशरण कौर और परिवार के अन्य सदस्यों का ढांढस बंधाया।

सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह कांग्रेस मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और फिर वहीं से सुबह साढ़े नौ बजे उनकी अंतिम यात्रा भी शुरू होगी।

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया और कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय जीवन पर अपनी छाप छोड़ी है और उनके निधन से राष्ट्र ने एक प्रख्यात राजनेता और जानेमाने अर्थशास्त्री को खो दिया है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की स्मृति में एक शोक प्रस्ताव पारित किया। मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखकर डॉ० मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके निधन को राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति बताया और कहा कि उन्हें एक दयालु इंसान, विद्वान अर्थशास्त्री और आर्थिक सुधारों के जरिए देश को एक नए युग में ले जाने वाले नेता के रूप में याद किया जाएगा।

मोदी ने एक वीडियो संदेश में सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि उनका जीवन भविष्य की पीढ़ियों को सिखाता है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों से ऊपर उठकर ऊंचाइयों को प्राप्त किया जाता है।

मोदी ने कहा, ‘‘डॉ. सिंह का निधन राष्ट्र के लिए एक बड़ी क्षति है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। विभाजन के दौरान भारत आने के क्रम में बहुत कुछ खोने के बावजूद उन्होंने इन उपलब्धियों को हासिल किया।’’

उनका कहना था, ‘‘डॉ. सिंह का जीवन भविष्य की पीढ़ियों को सिखाता है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों से ऊपर उठकर महान ऊंचाइयों को प्राप्त किया जाए।’’

कांग्रेस कार्य समिति ने शुक्रवार शाम बैठक कर सिंह के निधन पर शोक जताया और उनके योगदान को याद किया।

कार्य समिति ने कहा कि भारत ने एक ऐसा सच्चा राजनेता खोया है जिनके जीवन तथा कार्यों ने देश के भविष्य को दिशा दिखाई।

कार्य समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस मनमोहन सिंह की स्मृति को संजोने और उनके योगदान को आगे बढ़ाने का संकल्प लेती है।

सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को शुक्रवार को अपने लिए बड़ी व्यक्तिगत क्षति करार दिया और कहा कि वह उनके लिए ‘मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक’ थे।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व करेंगे तथा आभारी रहेंगे कि मनमोहन सिंह ऐसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है।

वर्ष 2004 से 2014 के दौरान जब सिंह प्रधानमंत्री थे, तो उस समय सोनिया गांधी कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख थीं।

खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने सिंह के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी पूर्व प्रधानमंत्री को अंतिम नमन करने के लिए दिल्ली आए।

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सिंह को श्रद्धांजलि दी।

भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 92 साल के थे। मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार की शाम तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था।

उनका पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार देर रात एम्स से उनके आवास पर ले जाया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के लिए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘भारत के पूर्व प्रधानमंत्री तथा देश के वरिष्ठ नेता डॉ. सरदार मनमोहन सिंह के निधन से समूचा देश अत्यंत दुःख का अनुभव कर रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनके परिवार तथा असंख्य प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है।’’

अमृतसर में रेडीमेड गार्मेंट का व्यापार करने वाले सिंह के सौतेले भाई सुरजीत सिंह कोहली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी दादी से गहरा लगाव था। सिंह के बाल्याकाल में ही उनकी माता का निधन हो गया था और दादी ने ही उनका पालन-पोषण किया था।

सुरजीत कोहली ने कहा, ‘‘मनमोहन सिंह का अमृतसर से गहरा लगाव था। वह जब भी पवित्र शहर अमृतसर आते तो स्वर्ण मंदिर में दर्शन करते थे।’’

प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह की सुरक्षा का प्रभार देखने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री असीम अरूण ने सिंह की सादगी को याद किया और कहा कि उन्हें बीएमडब्ल्यू के बजाय अपनी मारुति-800 कार ज्यादा पसंद थी क्योंकि वह इस कार के जरिए मध्यम वर्ग से जुड़ाव महसूस करते थे।

कांग्रेस नेता सिंह 2004 से 2014 तक, 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वैश्विक वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में एक प्रसिद्ध नाम थे।

उनकी सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और मनरेगा जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की।

हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को अब दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।

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