नयी दिल्ली, तीन नवंबर देश की प्रमुख सीमेंट कंपनियों के ‘मार्जिन’ में सितंबर तिमाही में गिरावट आई है। इसकी मुख्य वजह कीमत कम होना है, जिससे सीमेंट कंपनियों की प्राप्तियां घटी हैं।
देश की तीन प्रमुख सीमेंट कंपनियों - अल्ट्राटेक सीमेंट, अंबुजा सीमेंट और डालमिया भारत को छोड़कर अन्य मसलन नुवोको विस्टास कॉर्प, जेके सीमेंट, बिड़ला कॉरपोरेशन और हीडलबर्ग सीमेंट सहित अन्य छोटे खिलाड़ियों के मुनाफे और राजस्व में चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में गिरावट आई है।
उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि अल्ट्राटेक और अंबुजा सीमेंट्स की बिक्री की मात्रा में वृद्धि मुख्य रूप से दोनों कंपनियों द्वारा कई अधिग्रहणों के कारण हुई है, जिससे उद्योग में उनकी स्थिति और मजबूत हुई है। उद्योग को मानसून के लंबे समय तक रहने, बाढ़ और सरकारी मांग में धीमी वृद्धि जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, जिससे कुल मिलाकर मांग कमजोर हुई। हालांकि, उद्योग के लिए बिजली, ईंधन और अन्य लागत काफी हद तक स्थिर रहीं।
जून, 2024 में अखिल भारतीय स्तर पर सीमेंट की औसत कीमत लगभग 348 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग थी। सितंबर में यह सालाना आधार पर 11 प्रतिशत घटकर 330 रुपये प्रति बैग रह गई। हालांकि, मासिक आधार पर इसमें दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में सीमेंट की कीमतें सालाना आधार पर 10 प्रतिशत घटकर 330 रुपये प्रति बैग रह गईं। एक साल पहले सीमेंट की औसत कीमतें 365 रुपये प्रति बैग और 2022-23 में 375 रुपये प्रति बैग थीं।
अग्रणी सीमेंट निर्माता अल्ट्राटेक ने सितंबर तिमाही में मात्रा के लिहाज से तीन प्रतिशत की वृद्धि के साथ 68 प्रतिशत क्षमता का उपयोग किया है। हालांकि, जुलाई-सितंबर की अवधि में ग्रे सीमेंट की बिक्री प्राप्ति में सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 2.9 प्रतिशत की गिरावट आई।
देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता कंपनी अंबुजा सीमेंट्स की सितंबर तिमाही में बिक्री नौ प्रतिशत बढ़कर 1.42 करोड़ टन (एमटी) रही। हालांकि, कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (ईबीआईटीडीए) से पूर्व की आय 15 प्रतिशत घटकर 1,074 करोड़ रुपये रही।
हालांकि, अदाणी समूह की इस कंपनी का सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर मार्जिन अधिक रहा, जो उच्च क्षमता उपयोग और उत्पादन लागत में कमी के कारण हुआ।
तिमाही के दौरान डालमिया भारत का कारोबार सालाना आधार पर 8.4 प्रतिशत बढ़कर 67 लाख टन हो गया। हालांकि, सीमेंट की कीमतों में भारी गिरावट के कारण राजस्व दो प्रतिशत घटकर 3,087 करोड़ रुपये रह गया।
बिड़ला कॉरपोरेशन की बिक्री मात्रा पांच प्रतिशत घटकर 39.7 लाख टन रह गई, क्योंकि परंपरागत रूप से कमजोर मानसून तिमाही में सीमेंट की मांग सुस्त थी।
जेके सीमेंट की बिक्री से शुद्ध प्राप्ति सितंबर तिमाही में तिमाही आधार पर 0.8 प्रतिशत बढ़कर 4,708 करोड़ रुपये हो गई। जून तिमाही में यह 4,669 करोड़ रुपये थी।
इसी तरह, निरमा समूह की सीमेंट कंपनी नुवोको विस्टास कॉर्प ने कहा कि अखिल भारतीय कीमतें दबाव में रहीं और दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर इनमें चार प्रतिशत की गिरावट आई। इस दौरान मात्रा के आधार पर कंपनी की बिक्री पांच प्रतिशत घटी।
हीडलबर्ग सीमेंट इंडिया का परिचालन राजस्व 18.54 प्रतिशत घटकर 461.41 करोड़ रुपये रह गया, जो मात्रा में 15 प्रतिशत की कमी और कीमत में चार प्रतिशत की कमी के कारण हुआ।
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