ताजा खबरें | राज्यसभा में विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही रही बाधित

नयी दिल्ली, 21 जुलाई महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा बृहस्पतिवार को भी जारी रहा और सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

भोजनावकाश के बाद उच्च सदन में सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली विधेयक पर चर्चा शुरू हुई। इस बीच विपक्ष के कुछ सदस्यों का हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच ही आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सदन से वाकआउट की घोषणा की। सदन में कांग्रेस के भी सदस्य दिखाई नहीं पड़ रहे थे।

हंगामे के बीच ही इस विधेयक पर चर्चा शुरू हुई और कुछ दलों के सदस्यों ने इसमें भाग लिया।

चर्चा के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आसन से अनुरोध किया कि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है और सरकार चाहती है कि इसकी चर्चा में विपक्षी सदस्यों को भी उनकी बात रखने का पूरा अवसर मिले। उन्होंने कहा कि इस समय सदन में कई विपक्षी सदस्य नहीं हैं इसलिए इस विधेयक पर चर्चा को सोमवार के लिए स्थगित कर दिया जाए।

पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने इसके बाद विधेयक पर चर्चा को स्थगित कर दिया और दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

इससे पूर्व सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति एम. वेंकैया नायडू ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को उनके 80वें जन्मदिन पर बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य जोगिनापल्ली संतोष कुमार को भी उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।

इसके बाद मनोनीत सदस्य वीरेंद्र हेगड़े ने राज्यसभा की सदस्यता की शपथ ली।

हेगड़े के शपथ लेने के बाद नायडू ने सदन की बैठक को आगे बढ़ाने की कोशिश की लेकिन महंगाई, जीएसटी और ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार से जुड़े धनशोधन के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामा शुरू कर दिया।

इनमें से कुछ सदस्य हाथों में तख्तियां लिए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। नायडू ने इस पर आपत्ति जताई और सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां और कागज ना लहराएं। उन्होंने सचिवालय के अधिकारियों से कहा कि वे बुलेटिन में तख्तियां लेकर आने वाले सदस्यों के नाम लिखें और उसमें उल्लेख करें कि सभापति ने इसे आपत्तिजनक करार दिया।

इसके बाद भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने बैठक की 11 बजकर करीब चार मिनट पर दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और वे आसन के बिल्कुल नजदीक आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। कई सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी। कुछ सदस्य महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से सदन में तख्तियां नहीं दिखाने की अपील करते हुए कहा कि यह संसदीय नियमों और गरिमा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यह समय प्रश्नकाल का है और इस दौरान किसी अन्य मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा सकती।

हरिवंश ने सदस्यों से प्रश्नकाल सुचारू रूप से चलने देने की अपील की और कहा कि यह समय सभी सदस्यों का है। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल की तैयारी में काफी मेहनत करनी होती है और इससे सदस्य भी अवगत हैं।

हालांकि, उनकी अपील का हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और सदन में शोरगुल को देखते हुए उपसभापति ने करीब 12:25 बजे 10 मिनट के लिए बैठक स्थगित कर दी।

दो बार के स्थगन के बाद बैठक फिर शुरू होने पर सदन में हंगामा जारी रहा। इस दौरान उपसभापति ने शिवसेना सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी को मोबाइल फोन से सदन की तस्वीरें खींचने से मना किया और कहा कि यहां की तस्वीरें खींचना या वीडियो बनाना उच्च सदन के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने सदस्य विशेष के लिए निर्धारित स्थान को छोड़कर अन्य सीटों पर बैठे कई सदस्यों से उनकी नियत सीट पर बैठने की भी अपील की।

हंगामे के बीच ही द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सदस्य तिरूचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाना चाहा लेकिन उपसभापति ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान व्यवस्था का प्रश्न उठाने का कोई प्रावधान नहीं है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी कहा कि प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न उठाने की अनुमति नहीं होती।

हंगामे के बीच ही उपसभापति ने प्रश्नकाल चलाया। कई सदस्यों ने अपने-अपने पूरक सवाल किए और संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिए।

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