देहरादून, 14 सितंबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि कोविड 19 के इस दौर में दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं।
राज्य में नवाचार और उद्यमिता को बढावा देने के लिए गठित ‘मुख्यमंत्री सलाहकार समूह’ की प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ' कोविड 19 के जिस दौर से हम गुजर रहे हैं, उससे औद्योगिक गतिविधियां जरूर प्रभावित हुई हैं। इस दौर में दिक्कतें भी आई हैं और नई संभावनाएं भी विकसित हुई हैं।'
आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'लोकल के लिए वोकल' अभियान की दिशा में इसे एक प्रयास बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमिता, नवाचार एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य में यह नई पहल है जिसमें सरकारी के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के गैर सरकारी विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की सलाह से राज्य के औद्योगिक विकास एवं हिमालयी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किये जायेंगे।
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रावत ने कहा कि यहां जैव विविधता का फायदा लेते हुए अनेक कार्य हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्य में औद्योगिक विकास की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 2018 में इन्वेस्टर समिट के दौरान सवा लाख करोड़ के एमओयू हस्ताक्षरित किये गये जिसमें से 25 हजार करोड़ के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है।
इस समूह में सात सरकारी और छह गैर—सरकारी सदस्य शामिल हैं । गैर सरकारी सदस्यों में क्वात्रो ग्लोबल सर्विस के चैयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर रमन रॉय तथा पूर्व ग्रुप जनरल मैनेजर एण्ड कन्ट्री हेड एचएसबीसी इंडिया नैना लाल किदवई भी शामिल हैं ।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुई इस बैठक में विशेषज्ञों ने राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार योजनाएं बनाने, स्टार्टअप में रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देने, ग्रामीण पर्यटन, होम स्टे को बढावा देने, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आदि पर जोर देने को कहा ।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं और पिछले 20 सालों में राज्य ने आर्थिक गतिविधियों में काफी उन्नति की है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में साढ़े चार लाख से अधिक प्रवासी वापस उत्तराखण्ड आये हैं। उनको स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है।
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