जरुरी जानकारी | निजी निवेश से ही आर्थिक पुनरुद्धार को मिलेगी रफ्तारः दास

मुंबई, 16 नवंबर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को कहा कि महामारी की मार झेल चुकी अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की राह पर मजबूती से आगे बढ़ने से निजी निवेश भी बढ़ेगा, जिसके लिए बैंकों को तैयार रहना होगा।

दास ने यहां भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि टीकाकरण की रफ्तार तेज होने और कोरोना संक्रमण में गिरावट से आर्थिक बहाली उम्मीद से ज्यादा तेज रही है। इससे संक्रमितों के इलाज पर आने वाला खर्च कम होने के साथ उपभोक्ता धारणा भी सुधरी है और त्योहारी मौसम में यह नजर भी आया।

उन्होंने कहा कि महामारी के बाद के दौर में अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे अपने पैरों पर फिर से खड़ी हो रही है। प्रमुख आर्थिक संकेतक इसकी पुष्टि कर रहे हैं कि आर्थिक पुनरुद्धार मजबूती पकड़ रहा है।

दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था को अभी अपनी जमीन मजबूत करने के लिए लंबा सफर तय करना है। हालांकि, अब भी निजी खपत और निजी निवेश के बीच का फासला कोविड-पूर्व के स्तर से ज्यादा है।

गवर्नर ने निजी खपत को समग्र आर्थिक वृद्धि की रीढ़ बताते हुए कहा कि कुल मांग में इसका हिस्सा सबसे ज्यादा होता है लिहाजा समावेशी, टिकाऊ एवं संतुलित वृद्धि के लिए यह बेहद अहम है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पर्याप्त तीव्र रफ्तार से बढ़ने के लिए निजी पूंजी का निवेश बढ़ना जरूरी है। दास ने कहा कि निवेश का माहौल सुधरने पर बैंकों को भी निजी क्षेत्र को पूंजी मुहैया कराने के लिए तैयार रहना होगा। केंद्रीय बैंक ने अगले वित्त वर्ष से निवेश चक्र में तेजी आने की उम्मीद जताई है।

वर्ष-2013 से ही अर्थव्यवस्था में निजी पूंजी की आवक कम रही है। कई जानकारों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष के मध्य से निजी निवेश में फिर से तेजी आ सकती है।

दास ने बैंकों के बही खातों के बेहतर होने का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों का कुल फंसा कर्ज जुलाई-सितंबर की तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में कम हुआ है। उन्होंने बैंकों से अपनी पूंजी प्रबंधन प्रक्रिया को बेहतर करने को भी कहा।

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