कुवैत सिटी, 21 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए शनिवार को यहां कहा कि भारत में ‘‘विश्व की कौशल राजधानी’’ (स्किल कैपिटल) बनने का सामर्थ्य है।
मोदी शहर के शेख साद अल अब्दुल्ला इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित विशेष कार्यक्रम ‘हला मोदी’ में प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हर साल सैकड़ों भारतीय कुवैत आते हैं; आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया। आपने कुवैत के ‘कैनवास (परिदृश्य)’ को भारतीय कौशल के रंगों से भर दिया है। आपने कुवैत में भारत की प्रतिभा, तकनीक और परंपरा का मसाला घोल दिया है।’’
कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत की यात्रा पर आए मोदी ने खाड़ी देश में देश के विभिन्न कोनों से आए भारतीयों की मौजूदगी को लेकर प्रसन्नता व्यक्त की और इसे ‘‘मिनी हिंदुस्तान’’ कहा।
उन्होंने कहा कि भारत के स्टार्टअप, फिनटेक, स्मार्ट प्रौद्योगिकी और हरित प्रौद्योगिकी कुवैत की हर जरूरत के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित कर सकते हैं।
मोदी ने कहा कि, ‘‘भारत कुशल प्रतिभाओं की विश्व की मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है...भारत में विश्व की कौशल राजधानी बनने की भी क्षमता है।’’ उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि आने वाले कई दशकों तक भारत विश्व का सबसे युवा देश बना रहेगा।
कुवैत और खाड़ी क्षेत्र में भारतीय कामगारों को समर्थन देने के लिए भारत की मजबूत प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने ‘ई-माइग्रेट’ पोर्टल समेत सरकार द्वारा क्रियान्वित प्रौद्योगिकी-संचालित योजनाओं पर चर्चा की।
कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए मोदी ने कहा कि 43 वर्षों के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री सदियों पुरानी मित्रता को और मजबूत करने के लिए कुवैत की यात्रा पर आया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत और कुवैत के बीच संबंध सभ्यता, समुद्र, स्नेह, व्यापार और वाणिज्य के हैं। भारत और कुवैत अरब सागर के दो किनारों पर स्थित हैं। हमें सिर्फ कूटनीति ही नहीं जोड़ती, बल्कि दिल के रिश्ते भी जोड़ते हैं।’’
उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से कहा, ‘‘आज, व्यक्तिगत रूप से, यह क्षण मेरे लिए बहुत खास है। आप सभी को भारत आने में चार घंटे लगते हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री के लिए इसमें चार दशक लग गए।’’
मोदी ने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने मजबूत व्यापारिक संबंधों को भी याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में तो हम बड़े-बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि कैसे कुवैत के व्यापारियों ने गुजराती सीखी, उसमें किताबें लिखीं और अपने विश्व प्रसिद्ध मोतियों का व्यापार हमारे बाजारों में किया। भारत और कुवैत के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं।’’
उन्होंने प्रवासी भारतीयों को यह भी याद दिलाया कि 60-65 साल पहले कुवैत में भारतीय रुपए वैसे ही चलते थे, जैसे भारत में चलते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत और कुवैत समृद्धि में महत्वपूर्ण साझेदार बनेंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘कुवैत के लोग ‘न्यू कुवैत’ बनाने के लिए समर्पित हैं, वहीं भारत के लोग 2047 तक एक विकसित भारत बनाने का प्रयास कर रहे हैं... कुवैत व्यापार और नवाचार के माध्यम से एक गतिशील अर्थव्यवस्था बनना चाहता है। भारत भी नवाचार और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पास वह कौशल, प्रौद्योगिकी, नवाचार और जनशक्ति है जिसकी ‘न्यू कुवैत’ को आवश्यकता है।’’
प्रवासी भारतीयों को भारत की विरासत और परम्परा की याद दिलाते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया 21 दिसंबर को पहला ‘ध्यान दिवस’ मना रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह दिन भारत की हजारों साल पुरानी ध्यान परंपरा को समर्पित है।’’
मोदी ने प्रवासी भारतीय समुदाय को जनवरी, 2025 में भारत में आयोजित होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस और महाकुंभ में शामिल होने का निमंत्रण दिया।
अगले कुछ सप्ताहों में मनाए जाने वाले त्योहारों की लोगों को शुभकामनाएं देते हुए मोदी ने प्रवासी भारतीयों को उन त्योहारों में शामिल होने के लिए भारत आने और “वापस लौटने से पहले गणतंत्र दिवस समारोह देखने” के लिए आमंत्रित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब महान अभिनेता दिलीप कुमार ने यहां पहले भारतीय रेस्तरां का उद्घाटन किया था। लेकिन भारत का असली जायका तो वहां जाकर ही पता चलेगा। इसलिए अपने कुवैती दोस्तों को साथ लेकर आएं!’’
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