इस्लामाबाद, 18 दिसंबर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों भुट्टो और शरीफ परिवार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है और पाकिस्तान को बर्बाद किया है।
पाकिस्तान टेलीविजन (पीटीवी) पर शनिवार को प्रसारित समाचार चैनल ‘अल जजीरा’ को दिए साक्षात्कार में खान ने कहा कि पाकिस्तान संसाधनों के मामले में धनी था लेकिन भुट्टो और शरीफ परिवारों ने उनका गलत तरीके से इस्तेमाल किया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) और दिवंगत नेता बेनजीर भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वंशवादी पार्टियां हैं जो ‘‘भ्रष्टाचार और देश के लोगों के सामने आज खड़ी परेशानियों की वजह हैं।’’
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार सबसे बढ़ी बुराई थी और उन्होंने अपने पुराने विचार को दोहराया कि विकासशील देशों के धनी लोग अपने लोगों को गरीब बनाकर सारे संसाधन पश्चिमी देशों को दे रहे हैं।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार खान ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि पाकिस्तान एक समृद्ध देश बने और वह दो बेहद धनी परिवारों के खिलाफ लड़ रही है।
खान ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार देश को बर्बाद करता है। गरीब देश इसलिए गरीब नहीं है, क्योंकि उनके पास संसाधन नहीं है, बल्कि इसलिए हैं क्योंकि उनका नेतृत्व भ्रष्ट है।’’
अपने इलाज के सिलसिले में फिलहाल लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ पर पाकिस्तान में भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है। पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अगर मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो मैं खुद पारदर्शी जांच कराऊंगा।’’
क्रिकेट से राजनीति में आए खान ने कहा कि ब्रिटेन में लंबे प्रवास के दौरान उन्होंने पश्चिमी दुनिया की राजनीतिक प्रणाली को बहुत अच्छी तरह समझा है और पश्चिमी ताकतों की राजनीति की हमेशा आलोचना की है।
खान ने कहा कि उनकी सरकार कश्मीर मुद्दे को हर मंच पर उठाएगी।
भारत ने हमेशा ही पाकिस्तान द्वारा ‘जम्मू-कश्मीर’ के संबंध में दिए गए सभी संदर्भों को खारिज किया है और उसका कहना है कि वह भारत का ‘‘अभिन्न और अविभाज्य’’ हिस्सा है। भारत ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं दे।
अफगान संकट पर चिंता जताते हुए खान ने कहा कि पड़ोसी देश में लोग भूख से मर रहे हैं और अमेरिका को उनकी सहायता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 9/11 (11 सितंबर 2001) के आतंकवादी हमलों में कोई अफगान शामिल नहीं था, इसके बावजूद अमेरिका ने अज्ञात कारणों से अफगानिस्तान पर हमला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता है कि अमेरिका अफगानिस्तान में क्या हासिल करना चाहता था। तथाकथित युद्ध (आतंकवाद के खिलाफ) के नाम पर उन्होंने 20 साल तक देश पर कब्जा जमाए रखा। अगर लक्ष्य सिर्फ अलकायदा को खत्म करना था, तो वह दो साल में ही पूरा हो गया था।’’
खान ने कहा कि अगर अफगानिस्तान अनिश्चितता का शिकार होता है तो पाकिस्तान को भी इसके परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि दोनों देश 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
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