पूर्ववर्ती सरकारें संसाधन के बावजूद गरीबों को शिक्षा देने में असफल रहीं: मुख्यमंत्री योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास संसाधन थे, लेकिन वे राज्य में वंचितों को शिक्षा देने में विफल रहे. योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार द्वारा संचालित अटल आवासीय विद्यालयों की मौजूदा संख्या 18 को चरणबद्ध तरीके से विस्तारित कर 2,000 तक करने की योजना की शुरुआत के मौके पर यह टिप्पणी की.
लखनऊ, 12 सितंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास संसाधन थे, लेकिन वे राज्य में वंचितों को शिक्षा देने में विफल रहे. योगी आदित्यनाथ ने राज्य सरकार द्वारा संचालित अटल आवासीय विद्यालयों की मौजूदा संख्या 18 को चरणबद्ध तरीके से विस्तारित कर 2,000 तक करने की योजना की शुरुआत के मौके पर यह टिप्पणी की. मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को मोहनलालगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में एक साथ प्रदेश के सभी 18 अटल आवासीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 का शुभारंभ किया. इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘ अभी हमने 18 विद्यालय प्रारंभ किए हैं, जबकि दूसरे चरण में 57 जनपदों में कंपोजिट विद्यालय के रूप में भी ऐसे ही विद्यालय खोलने जा रहे हैं. वहीं, तीसरे चरण में इसे प्रदेश की सभी 350 तहसीलों में लेकर जाएंगे और चौथे चरण में 825 विकास खंड में इस तरह के विद्यालयों की स्थापना होगी.’’ उन्होंने कहा कि यही नहीं पांचवें चरण में इसे हम न्याय पंचायत स्तर पर लेकर जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका अभिप्राय है कि 2000 ऐसे विद्यालय प्रदेश के अंदर दिखाई देंगे जो बच्चों को उत्तम शिक्षा देने का माध्यम बनेंगे. उन्होंने कहा कि अगले चरण में जो 57 विद्यालय बनेंगे उनमें पहली कक्ष से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चे अध्ययन करेंगे और इनमें बाल वाटिका भी बनाई जाएगी. इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने छठी और नौवीं कक्षा में प्रवेश पाने वाले बच्चों को स्कूल बैग एवं पाठ्य पुस्तकें प्रदान कीं. वहीं, योगी आदित्यनाथ ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में छठीं कक्षा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र वितरित किये. मुख्यमंत्री ने ‘बंटवारे’ की राजनीति करने वालों पर हमला करते हुए सवाल किया, ‘‘ये जाति के नाम पर लड़ाने वाले, समाज में सामाजिक न्याय के नाम पर सामाजिक वैमनश्यता पैदा कर देश के दुश्मनो को प्रोत्साहित करने वाले लोग गरीबी के दंश को क्या झेल पाएंगे, क्या समझ पाएंगे.’’ यह भी पढ़ें : पाचन संबंधी समस्याएं पार्किंसन होने के खतरे को 76 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं: अध्ययन
उन्होंने सवाल किया, ‘‘ जिन लोगों ने हमेशा शोषण किया, अराजकता फैलाई, कभी गरीबी नहीं देखी, उनसे उम्मीद करना कि वो बीओसी बोर्ड से जुड़े हुए रजिस्टर्ड श्रमिक या इन निराश्रित बच्चों जिन्होंने कोविड कालखंड में अपने माता-पिता या अभिभावक को खोया है, उनकी पीड़ा को समझ पाएंगे? ’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन लोगों के पास उसे समझने के लिए न समय है, न फुर्सत है, क्योंकि उनके अपने ऐजेंडे हैं. उनका एकमात्र एजेंडा और ध्येय राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोगों को बांटना है. इसके अलावा उनको कुछ भी नहीं दिखाई देता. ये चाहते हैं कि एक गरीब कभी गरीबी, अभाव और अशिक्षा से मुक्त न होने पाए. अगर हो जाएगा तो इनके बंटवारे और सामाजिक वैमनस्यता की राजनीति पूरी तरह समाप्त हो जाएगी. इसलिए येन केन प्रकारेण ये लोग समाज को विभाजन की कगार पर पहुंचाना चाहते हैं. यही कारण है कि सरकारें पहले भी थीं, पैसा पहले भी था, लेकिन गरीबों के बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध नहीं किया गया.’’
योगी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जो लोग अराजकता पैदा करना चाहते हैं, अव्यवस्था पैदा करना चाहते हैं, माफियागीरी करना चाहते हैं उनकी चूलों को हिलाने के लिए अटल आवासीय विद्यालय एक मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है. मुख्यमंत्री ने आगामी कार्ययोजना को लेकर कहा कि प्रदेश के हर गरीब बच्चे को, हर वंचित के बच्चे को बिना भेदभाव शिक्षा प्राप्त हो सके इसके लिए अगले सत्र में हमने बेसिक शिक्षा परिषद को 57 जनपदों में विद्यालयों की स्थापना हेतु पैसा दे दिया है. 57 जनपदों में ऐसे विद्यालय खुलने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘सीएम कंपोजिट विद्यालय’ के रूप में हम उन्हें स्थापित करने जा रहे हैं और तीसरे चरण में इसे हम सभी तहसीलों में लेकर के जाएंगे. प्रदेश में 350 तहसील हैं, उनमें एक-एक विद्यालय बनेगा. चौथे चरण में 825 विकास खंड में इस तरह के विद्यालय बनेंगे. 825 विकास खंडों में इस तरह के विद्यालय बनेंगे तो किसी भी गरीब का बच्चा अच्छी और उत्तम शिक्षा से वंचित नहीं रहने पाएगा. उन्होंने कहा कि पांचवें चरण में इसे हम न्याय पंचायत स्तर पर लेकर जाएंगे. इसका मतलब 2000 ऐसे विद्यालय प्रदेश के अंदर दिखाई देंगे जो बच्चों को उत्तम शिक्षा देने का माध्यम बनेंगे. अटल आवासीय विद्यालय कक्षा छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए हैं जिनमें कंप्यूटर, कौशल विकास, खेलकूद, कला और संगीत की जानकारी दी जा रही है. लेकिन जो 57 विद्यालय बनने जा रहे हैं उनमें पहली क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चे अध्ययन करेंगे.