Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा की तैयारी पूरी, रामदेव ने दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने के आदेश को सही बताया

उत्तराखंड में सोमवार से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस और प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वहीं, योग गुरु रामदेव ने कांवड़ मार्ग पर स्थित होटल, रेस्तरां और ढाबा के बाहर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने संबंधी आदेश को रविवार को सही ठहराते हुए कहा कि किसी को अपना परिचय देने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. हरिद्वार में संवाददाताओं से मुखातिब रामदेव ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि अपने नाम पर तो सबको गर्व होता है और उसे छिपाने की कोई जरूरत नहीं है.

Kanwar Yatra (img: TW)

हरिद्वार, 21 जुलाई : उत्तराखंड में सोमवार से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस और प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वहीं, योग गुरु रामदेव ने कांवड़ मार्ग पर स्थित होटल, रेस्तरां और ढाबा के बाहर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने संबंधी आदेश को रविवार को सही ठहराते हुए कहा कि किसी को अपना परिचय देने में परेशानी नहीं होनी चाहिए. हरिद्वार में संवाददाताओं से मुखातिब रामदेव ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि अपने नाम पर तो सबको गर्व होता है और उसे छिपाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने सवाल किया, ''जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है, तो रहमान को क्यों दिक्कत होनी चाहिए.'' रामदेव ने कहा कि नाम छिपाने की नहीं, बल्कि अपना काम सच्चाई और ईमानदारी के साथ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो बातें गढ़ी जा रही हैं, वे गलत हैं. योग गुरु ने कहा, ''यदि काम सच्चाई और ईमानदारी के साथ किया जाता है, तो फिर चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम या फिर किसी अन्य धर्म व वर्ग का हो, उसे अपने आप पर गर्व होना चाहिए.''

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने के सामान का व्यवसाय करने वाले होटल, रेस्तरां, ढाबा, रेहड़ी-ठेली वालों को साइनबोर्ड लगाकर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने का आदेश दिया है. इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के बारे में रामदेव ने कहा कि विरोध और समर्थन के पीछे उनकी राजनीतिक मंशा है और कुछ लोग तो 'देवतुल्य' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी विरोध करते हैं, जो निंदनीय है.

उन्होंने कहा, ''इस तरह की घृणा और नफरत का भाव, फिर चाहे वह देश के प्रधानमंत्री के लिए हो, हिंदुओं के लिए हो, या किसी और धर्म या जाति के लिए हो, किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. यह भारत की सनातन संस्कृति या संस्कार नहीं है. भारत की संस्कृति अहिंसा, प्रेम, सहअस्तित्व, सामंजस्य और एकता पर आधारित है.'' यह भी पढ़ें : NEET-UG Exam: राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा लीक मामले को रद्द करने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होगी सुनवाई

उधर, सोमवार से शुरू होने वाले कांवड़ मेले के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है. अपर पुलिसमहानिदेशक एपी अंशुमन और गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक करण सिंह नगन्याल ने कांवड़ मेले की तैयारियों का जायजा लिया. बाद में अधिकारियों ने बताया कि व्यवस्था के लिहाज से पूरे कांवड मेला क्षेत्र को 13 सुपर जोन, 31 जोन व 126 सेक्टर में विभाजित किया गया है. उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में प्रदेश पुलिस के अलावा केंद्र से प्राप्त अर्द्धसैनिक बलों की आठ कंपनियों की तैनाती भी की जाएगी. साथ ही मेला क्षेत्र में खोजी कुत्तों की चार टीमें भी तैनात रहेंगी. अधिकारियों के मुताबिक, बम निरोधक दस्ते और घुड़सवार पुलिस भी मेला क्षेत्र में निगरानी करेगी. इसके अलावा, 22 ड्रोन कैमरों के जरिये आसमान से निगाह रखी जाएगी, जबकि चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा भी नजर रखेंगे. हर वर्ष सावन के महीने में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों से शिवभक्त कांवड़ लेकर गंगाजल भरने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचते हैं.

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