अहमदाबाद, तीन दिसंबर गुजरात में पंजीकरण नियमों पर चिंताओं को दूर करने में राज्य सरकार की ‘विफलता’ के विरोध में मंगलवार को प्रदेश भर में लगभग 40,000 ‘प्री-स्कूल’ बंद रहे। इन विद्यालयों के संगठन ने यह दावा किया।
सरकारी नीति के अनुसार सभी प्री स्कूलों को फरवरी 2025 तक पंजीकरण कराना अनिवार्य है, लेकिन निर्देशों के संबंध में भ्रम के कारण पंजीकरण प्रक्रिया में देरी हो रही है।
नीति के अनुसार, जो विद्यालय इसका अनुपालन करने में विफल रहेंगे उन्हें उक्त समय-सीमा के बाद संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
‘गुजरात इंडिपेंडेंट प्री स्कूल एसोसिएशन’ के सदस्यों ने विभिन्न शहरों में प्रदर्शन आयोजित किए और शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पनशेरिया से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
एसोसिएशन के प्रवक्ता सागर नायक ने दावा किया कि गुजरात भर में लगभग 40,000 प्री स्कूल पंजीकरण नियमों में विसंगतियों को दूर करने में सरकार की विफलता के विरोध में बंद रहे। उनका दावा है कि इन स्कूलों में करीब 10 लाख बच्चे पढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि प्री स्कूलों ने पंजीकरण के लिए बनाए गए नियमों के खिलाफ सरकार से बार-बार अनुरोध किया है, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है।
नायक ने कहा, ‘भवन उपयोग को लेकर स्पष्टता का अभाव है। सभी प्री स्कूल छोटे पैमाने पर चल रहे हैं।”
उन्होंने दावा किया कि सरकार की गुजरात के गैर अनुदान-सहायता प्राप्त निजी प्री-प्राथमिक शिक्षण संस्थानों के विनियमन की नीति के गुजराती और अंग्रेजी के संस्करणों में भी अंतर है, जिससे भ्रम और बढ़ गया है।
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